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स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा असर, नर्सो की आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल

ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन ने सरकारी अस्पतालों में देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा के चलते आज दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में नर्सिग कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 02 Sep 2016 01:24 AM (IST)Updated: Fri, 02 Sep 2016 03:23 AM (IST)
स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा असर, नर्सो की आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल

नई दिल्ली (जेएनएन)। डेंगू व चिकनगुनिया के प्रकोप के बीच सातवें वेतन आयोग के प्रावधानों में संशोधन और अधिक वेतनवृद्धि की मांग को लेकर ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन ने सरकारी अस्पतालों में देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। इस वजह से शुक्रवार से दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में नर्सिग कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इस बाबत उन्होंने सभी अस्पतालों को सूचित कर दिया है।

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नर्सिग कर्मचारियों की हड़ताल से शहर में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा सकती हैं और डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि इस हड़ताल से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी सख्ती से निपटने की तैयारी में है। यदि नर्सिग कर्मचारियों ने हड़ताल की तो सरकार भी एस्मा लगाने की तैयारी में है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नर्सिग कर्मचारियों की हड़ताल की स्थित से निपटने के लिए सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के सुचेता कृपलानी और कलावती शरण अस्पताल के प्रबंधन को विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इस वजह से नर्सिग की छात्राओं की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भी मदद ली जाएगी। ताकि नर्सिग कर्मचारियों की हड़ताल से डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों का इलाज प्रभावित नहीं होने पाए।

इसके अलावा मंत्रालय ने नर्सिग कर्मचारियों द्वारा हड़ताल किए जाने पर एस्मा लगाने की सिफारिश कर पहले ही फाइल गृह सचिव व उपराज्यपाल को भेज दी है। ताकि हड़ताल किए जाने पर एस्मा लगाकर कार्रवाई की जा सके। अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टर भी नर्सिग कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि शहर में डेंगू व चिकनगुनिया का प्रकोप फैला हुआ है। भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए अस्पताल में पहुंच रहे हैं।

अस्पतालों में भर्ती मरीजों की देखरेख की जिम्मेदारी नर्सो की होती है। यह वक्त हड़ताल की नहीं है। अपनी मांगों के लिए बाद में भी लड़ा जा सकता है। हालात का फायदा उठाकर सरकार को मजबूर करना चाहते हैं। वैसे भी सातवें वेतन आयोग के प्रावधानों के अनुसार रेजिडेंट डॉक्टरों व सहायक प्रोफेसरों की तुलना में नर्सिग कर्मचारियों का वेतन अधिक बढ़ा है। रेजिडेंट डॉक्टरों का वेतन 9.8 फीसद, सहायक प्रोफेसरों का वेतन 10.3 फीसद व नर्सो का वेतन 11.8 फीसद बढ़ा है।

इसके अलावा संशोधन की मांग पर गठित कमेटी की रिपोर्ट भी अभी नहीं आई है। ऐसे में रिपोर्ट आने से पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल करना उचित नहीं है। हालांकि नर्सिग कर्मचारियों के संगठन भी अपनी बातों पर अड़े हुए हैं। उन्होंने शुक्रवार से केंद्र व दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन के प्रवक्ता लीलाधर रामचंदानी ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। इसलिए हर हाल में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। हमारे पास और कोई विकल्प नहीं बचा है।

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उल्लेखनीय है कि नर्सिग कर्मचारियों अपनी मांगों को लेकर फरवरी में 15 दिन सांकेतिक भूख हड़ताल किया था। 26 फरवरी को एक दिन अस्पतालों में कामकाज ठप कर दिया था। तब उन्होंने मार्च में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की घोषणा की थी लेकिन सरकार से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने उसे वापस ले लिया था। लेकिन इस बार वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं।


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