Stray Dogs: 22 राज्यों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी, भारत में चीन के बाद सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते
उत्तराखंड ओडिशा कर्नाटक एवं मेघालय समेत सात राज्यों में तो लगभग दोगुना हो गए हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में आश्चर्यजनक तरीके से सात वर्षों के दौरान आवारा कुत्ते 41 लाख 79 हजार से घटकर 20 लाख 59 लाख पर सिमट गए हैं। अगली गणना 2024 में प्रस्तावित है।
नई दिल्ली, अरविंद शर्मा। आवारा कुत्तों की संख्या जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इनका आतंक भी बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि भारत में चीन के बाद सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। संख्या छह करोड़ से भी अधिक बताई गई है, लेकिन मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा 2019 में कराई गई पशुगणना में आवारा पशुओं की संख्या दो करोड़ तीन लाख बताई गई है। इनमें एक करोड़ 53 लाख आवारा कुत्ते हैं।
22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी
अगली गणना 2024 में प्रस्तावित है। मगर कुत्तों के काटने के समाचार जिस तरह से आ रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आवारा कुत्तों की संख्या पहले की तुलना में अधिक हो गई होगी। भारत में पशुगणना प्रत्येक पांच वर्ष पर कराने का प्रविधान है। कभी-कभी विलंब भी हो जाता है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है कि 2012 में कराई गई पशुगणना में एक करोड़ 71 लाख आवारा कुत्ते थे। 2019 में इनकी संख्या में लगभग 18 लाख की कमी आ गई। किंतु रिपोर्ट यह भी बताती है कि 22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी है।
उत्तराखंड, ओडिशा, कर्नाटक एवं मेघालय समेत सात राज्यों में तो लगभग दोगुना हो गए हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में आश्चर्यजनक तरीके से सात वर्षों के दौरान आवारा कुत्ते 41 लाख 79 हजार से घटकर 20 लाख 59 लाख पर सिमट गए हैं। अगर सर्वे ईमानदारी से किया गया है और रिपोर्ट सही है तो इस मॉडल को देश भर में अपनाया जाना चाहिए। वैसे रिपोर्ट में बिहार में भी सात वर्षों में आवारा कुत्तों की संख्या में तीन लाख की कमी दिखाई गई है, जो आश्चर्य है। स्थानीय निकायों द्वारा बिना नसबंदी अभियान चलाए यह कैसे संभव हो पाया है, इसका भी अध्ययन कराने की जरूरत है।
अध्ययन कराने की तैयारी
मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार जिन राज्यों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही है, उनका भी अध्ययन कराया जाएगा। देखा जाएगा कि आखिर नसबंदी अभियान में क्या कमी रह गई है। सबसे ज्यादा कर्नाटक में दो लाख 60 हजार कुत्तों की वृद्धि हुई है। राजस्थान में भी सवा लाख और ओडिशा में 87 हजार आवारा कुत्ते बढ़ गए हैं। सात वर्षों में आवारा कुत्तों की संख्या लगभग 21 लाख तक कम करने बावजूद उत्तर प्रदेश में अभी भी इनकी संख्या सबसे ज्यादा है।
राज्यों को ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए कहा गया है, जो कुत्ते को पालते तो हैं, लेकिन बाद में उसे सड़कों पर बेसहारा छोड़ देते हैं। ऐसे लोगों पर कानून के तहत छह महीने से लेकर एक वर्ष तक की सजा का प्रविधान है।
मुआवजे का प्रविधान नहीं
आवारा पशुओं के हमले में प्रतिदिन लगभग तीन से चार लोगों की मौत हो रही है। हमले के मामले तो प्रतिदिन लगभग हजारों में हैं। यही कारण है कि दिल्ली, पुणे, बेगूसराय, गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद एवं मुंबई जैसे कई शहरों में आवारा कुत्तों के काटने के कारण आए दिन हंगामा बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की ओर से आवारा कुत्तों के हमले में मारे जाने पर आश्रितों या घायलों को किसी तरह के मुआवजे का प्रविधान नहीं है।