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Covid 19 Vaccination: दूसरी और सतर्कता डोज के बीच अंतर छह माह करने पर होगा फैसला

सरकारी सलाहकार समिति (NTAGI) की गुरुवार को बैठक होगी जिसमें 6-12 आयु वर्ग के कोवैक्सीन और कॉर्बेवैक्स टीकों के आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही दूसरी और एहतियाती खुराक के बीच के अंतर को मौजूदा नौ से घटाकर छह माह करने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2022 05:26 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jun 2022 07:07 PM (IST)
Covid 19 Vaccination: दूसरी और सतर्कता डोज के बीच अंतर छह माह करने पर होगा फैसला
सरकारी सलाहकार समिति (NTAGI) की गुरुवार को बैठक होगी

नई दिल्ली, प्रेट्र। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) गुरुवार को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और सतर्कता डोज के बीच मौजूदा नौ महीने के अंतराल को घटाकर छह महीने करने का फैसला कर सकता है। समूह छह से 12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन और कोर्बेवैक्स के आंकड़ों की भी समीक्षा करेगा। एनटागी की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। वर्तमान समय में 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण हो रहा है।

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अप्रैल में देश के दवा महानियंत्रक ( DCGI) ने पांच से 12 साल के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स और छह से 12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन की आपात उपयोग की मंजूरी दे दी थी। एनटागी की स्थायी तकनीकी उप समिति (STSC) की बैठक के एजेंडे में उक्त दो विषयों के अलावा मिश्रित डोज को मंजूरी देने की संभावना पर भी विचार करना है।

वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) ने मई में अध्ययन में पाया था कि बूस्टर डोज के तौर पर अलग वैक्सीन देने के नतीजों में समानता नहीं है। अध्ययन में पाया गया था कि कोवैक्सीन की प्रारंभिक डोज लेने वालों में छह महीने बाद अगर कोवैक्सीन के बदले कोविशील्ड की बूस्टर डोज दी जाती है तो एंटीबाडी की मात्रा छह से 10 गुना ज्यादा बढ़ जाती है। परंतु, कोविशील्ड की प्रारंभिक डोज के छह महीने बाद कोवैक्सीन देने पर ऐसे नतीजे नहीं मिलते।

डेल्टा, ओमिक्रोन के खिलाफ कोवैक्सीन की बूस्टर डोज प्रभावी

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और भारत बायोटेक की तरफ से किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि बूस्टर डोज के तौर पर कोवैक्सीन कोरोना वायरस के डेल्टा और ओमिक्रोन वैरिएंट के बीए.1.1 और बीए.2 सबवैरिएंट के खिलाफ अधिक प्रभावी है। मंगलवार को प्री-प्रिंट साइट बायोआरक्सीव पर प्रकाशित इस अध्ययन की अभी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा नहीं की गई है।


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