Move to Jagran APP

NSG पर भारत के लिए फिर खलनायक बना चीन, बोला-नहीं बनने देंगे सदस्य

चीन पहले भी स्‍पष्‍ट कर चुका है कि वह किसी भी कीमत पर भारत को एनएसजी का सदस्‍य नहीं बनने देगा और अपने विरोध की वजह ये बताता रहा है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 04:09 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 05:55 PM (IST)
NSG पर भारत के लिए फिर खलनायक बना चीन, बोला-नहीं बनने देंगे सदस्य

बीजिंग, प्रेट्र । चीन ने फिर कहा है कि गैर-एनपीटी (अप्रसार संधि) देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लिहाजा, स्विटजरलैंड की राजधानी बर्न में जारी समूह के अहम सम्मेलन के दौरान इसमें प्रवेश पाने की भारत की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं।चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, 'मैं इस बात की ओर ध्यान दिलाना चाहूंगा कि नए सदस्यों के प्रवेश को लेकर एनएसजी के नियम बिल्कुल स्पष्ट है।

loksabha election banner

सियोल में हुए सम्मेलन में साफ तौर पर फैसला हो गया था कि इस मसले से कैसे निपटा जाए। हमें इन्हीं नियमों और फैसलों के मुताबिक चलने की जरूरत है। जहां तक नए सदस्यों के प्रवेश के मानदंडों का सवाल है, जहां तक मैं जानता हूं स्विटजरलैंड में जारी सम्मेलन में सियोल सम्मेलन के फैसलों और सर्वसम्मति से निर्णय लेने के सिद्धांत का पालन किया जाएगा। इसके अलावा समूह में गैर एनपीटी सदस्यों के प्रवेश को लेकर तकनीकी, कानूनी और राजनीतिक पहलुओं जैसे विभिन्न आयामों पर भी चर्चा होगी।

'दरअसल, एनएसजी में भारत के प्रवेश को लेकर चीन का यही रुख दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में बाधा बना हुआ है। लेकिन, बर्न में हो रहा सम्मेलन इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की अस्ताना में हुई बैठक के दौरान बताते हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से एनएसजी में भारत के प्रवेश को लेकर बात की थी।

बता दें कि दुनिया में परमाणु व्यापार को नियंत्रित करने वाले 48 देशों के इस समूह में प्रवेश के भारतीय आवेदन के बाद ही चीन के सदाबहार मित्र पाकिस्तान ने भी उसके समर्थन से इस समूह की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। अमेरिका और पश्चिमी देशों की मदद से भारत ने समूह के अधिकतर देशों का समर्थन जुटा लिया है, लेकिन चीन अपने पुराने रुख पर अड़ा हुआ है कि नए सदस्यों को पहले एनपीटी पर हस्ताक्षर करने चाहिए। भारत ने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। 

यह भी पढ़ें: स्‍मार्ट सिटी की एक और लिस्‍ट जारी, जानिए कौन-कौन शहर हैं इसमें शामिल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.