मप्र सरकार को अब पिछड़ों का अल्टीमेटम, तीन दिन में मांगें पूरी नहीं तो फूटेगा गुस्सा
पदोन्नति में आरक्षण सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा 16 सितंबर को जिलों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा।
नई दुनिया, भोपाल। मप्र में पहले ही एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण समाज ने शासन-प्रशासन को परेशान किया हुआ है और अब 'पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त मोर्चा' ने भी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। तीन दिन में मांगें पूरी न करने पर सरकार पर गुस्सा फूटने की चेतावनी भी दी है। पदोन्नति में आरक्षण सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा 16 सितंबर को जिलों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा।
संयुक्त मोर्चा की शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजाक्स के जिला अध्यक्ष अशोक बेन ने कहा कि सरकार को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद दो-तीन दिन में मांगें पूरी नहीं करती है तो 23 सितंबर को सरकार के खिलाफ गुस्सा फूटेगा। इस दिन भोपाल में सम्मेलन बुलाया गया है। इसमें एक लाख से ज्यादा लोगों के आने का दावा किया जा रहा है।
सपाक्स ने कांग्रेस विधायक को घेरा
शिवपुरी: एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सपाक्स समाज द्वारा जनप्रतिनिधियों की घेराबंदी का अभियान लगातार जारी है। शनिवार को उनके निशाने पर कोलारस से कांग्रेस विधायक महेंद्रसिंह यादव व कांग्रेस प्रदेश महामंत्री हरवीरसिंह रघुवंशी रहे। सपाक्सजन उनके शिवपुरी स्थित निवास पर पहुंचे और वहां जमकर नारेबाजी करते हुए काले झंडे दिखाए। सपाक्स समाज के कहने पर विधायक ने बांह पर काली पट्टी बांधी।
करणी सेना पदाधिकारियों से बंद कमरे में चर्चा
उधर, नीमच में पूर्व सीएम दिग्विजय ने डाक बंगले पर करणी सेना के पदाधिकारियों से बंद कमरे में चर्चा की, लेकिन इस मामले में कुछ भी उजागर नहीं किया गया। जवासा चौराहे पर करणी सेना के कुछ सदस्य काले झंडे लेकर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।