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    नहीं बंटेगी पुरस्कारों की रेवड़ी, ICAR सिर्फ तीन कैटेगरी में देगा अवार्ड; गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Amit Singh
    Updated: Tue, 06 Dec 2022 07:09 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद विभिन्न मंत्रालयों व विभागें में पुरस्कारों की रेवड़ियां बांटने पर पाबंदी लगाई जाने लगी है। इसी क्रम में कृषि मंत्रालय के अधीन इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आइसीएआर) ने अपने पुरस्कारों को सीमित करने का फैसला किया है।

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    पूर्व प्रधानमंत्रियों और प्रख्यात लोगों के नाम पर थे पुरस्कार

    सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद विभिन्न मंत्रालयों व विभागें में पुरस्कारों की रेवड़ियां बांटने पर पाबंदी लगाई जाने लगी है। इसी क्रम में कृषि मंत्रालय के अधीन इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आइसीएआर) ने अपने पुरस्कारों को सीमित करने का फैसला किया है। आइसीएआर फिलहाल 20 कैटेगरी में कुल 159 अवार्ड बांटता है, जिसे घटाकर तीन कर दिया गया है। इन पुरस्कारों की जगह केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, डीम्ड यूनिवर्सिटी, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को अवार्ड यानी पुरस्कार देने की जगह उनकी रैंकिंग का सुझाव दिया गया है।

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    समीक्षा के बाद गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश

    केंद्रीय स्तर पर बांटे जाने वाले पुरस्कारों के औचित्य की गहन समीक्षा के बाद गृह मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को इस बाबत फैसला लेने का निर्देश दिया था। कृषि मंत्रालय ने इस पर अमल करते हुए यह फैसला लिया है। कृषि मंत्रालय की ओर से पुरस्कार देने का दायित्व आइसीएआर निभाता है। इसकी संख्या साल दर साल बढ़ने लगी थी। इसके लिए वैज्ञानिकों और विभिन्न संस्थानों समेत अन्य व्यक्तिगत लोगों का चयन किया जाता है। जारी आदेश में कहा गया है कि सक्षम अथारिटी की अनुमति के बगैर कोई नया अवार्ड अथवा सम्मान आदि की शुरुआत नहीं की जा सकती है। जिन तीन प्रमुख कैटेगरी में पुरस्कार दिए जाएंगे उनमें प्रगतिशील किसान, कृषि अनुसंधान और टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है। अन्य सभी कैटेगरी और अवार्ड को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का फैसला लिया गया है।

    प्रख्यात व्यक्तियों के नाम पर शुरू किए गए थे अवार्ड

    अवार्ड पूर्व प्रधानमंत्रियों और अन्य प्रख्यात कृषि वैज्ञानिकों के नाम पर शुरु किए गए थे। वर्ष 2014 में कुल 18 कैटेगरी में कुल 82 लोगों को अवार्ड दिए गए थे। वर्ष 2019 में बढ़कर 20 कैटेगरी तक हो गई, जिसमें 159 लोगों को अवार्ड दिया गया। लेकिन बीते वर्ष 2021 में इसकी संख्या को घटाकर 15 कैटेगरी कर दिया गया। पुरस्कारों को बांटने में प्रमुख कैटेगरी के साथ सब-कैटेगरी भी जोड़कर अपने लोगों को उपकृत किया जाता था। नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस फॉर एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूशंस मुख्य कैटेगरी की तीन सब-कैटेगरी में तीन पुरस्कार सरदार पटेल, चौधरी देवीलाल और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर घोषित किए गए थे। नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन एग्रीकल्चरल रिसर्च मुख्य कैटेगरी की चार सब-कैटगरी में पुरस्कार रफी अहमद किदवई, लाल बहादुर शास्त्री, पंजाबराव देशमुख और जवाहरलाल नेहरू के नाम पर थे।

    हरिओम आश्रम ट्रस्ट के नाम पर भी था पुरस्कार

    नेशनल अवार्ड फॉर एप्लीकेशन ऑफ एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजीज मुख्य कैटेगरी में जो चार सब-कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए वे नानाजी देशमुख, फखरुद्दीन अली अहमद, स्वामी सहजानंद सरस्वती और वसंतराव नाइक के नाम पर थे। नेशनल अवार्ड फॉर इनोवेशंस एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बाय फार्मर्स प्रमुख कैटेगरी के तहत चार सब-कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए। इनमें तीन जगजीवन राम, एन.जी. रंगा और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर थे। चौथे पुरस्कार का नाम हलधर ऑर्गेनिक फार्मर अवार्ड था। नॉर्मन बोरलॉग, डॉ. सी. सुब्रमण्यम, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और चौधरी चरण सिंह के नाम पर भी अवार्ड दिए जाते थे। एक पुरस्कार हरिओम आश्रम ट्रस्ट के नाम पर भी था।

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