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पीएफ-पेंशन के लिए आधार को यूएएन के साथ जोड़ने की अधिसूचना को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती

पेंशन और फंड का लाभ पाने के लिए आधार को यूएएन के साथ जोड़ने वाली अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 14 21 और 300ए का उल्लंघन करने के चलते असंवैधानिक है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 01:31 AM (IST)
पीएफ-पेंशन के लिए आधार को यूएएन के साथ जोड़ने की अधिसूचना को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती
पीएफ-पेंशन के लिए आधार को यूएएन के साथ जोड़ने की अधिसूचना को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती
चेन्नई, प्रेट्र। पेंशन और फंड का लाभ पाने के लिए आधार को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ जोड़ने को अनिवार्य बनाने वाली अधिसूचना के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अलीशा एबेनेजर ने याचिका में दावा किया है कि चार जनवरी, 2017 की यह अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 300ए का उल्लंघन करने के चलते असंवैधानिक है। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ भी है, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि आधार केवल सरकार की सामाजिक योजनाओं एवं सब्सिडी के लिए जरूरी है।

न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिका स्वीकृत कर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को जवाब देने का निर्देश दिया।

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याचिकाकर्ता का कहना है कि जनवरी 2017 की अधिसूचना से पहले आधार का प्रयोग केवल उन सदस्यों तक सीमित था जिन्हें पेंशन मिलनी शुरू हो गई और उन्हें पेंशन जारी रखने के लिए हर साल जीवन प्रमाणपत्र जमा करना होता था।


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