जिद बनी जुनून: पहाड़ चीरकर बनाई राह
कैमूर, अशोक सिंह। जिद जब जुनून बन जाए तो पत्थर पर भी दूब उगा सकती है। कैमूर (बिहार) के अधौरा प्रखंड क्षेत्र के एक अत्यंत पिछड़े गांव बड़वानकला के युवकों की ऐसी ही जिद ने सख्त पहाड़ों की छाती चीरकर उसमें से सड़क निकाल दी। जिद सिर्फ इसलिए कि गांव में सड़क न होने के कारण इन युवकों की शादी नहीं हो पा रही थी। गांव में कुल
कैमूर, अशोक सिंह। जिद जब जुनून बन जाए तो पत्थर पर भी दूब उगा सकती है। कैमूर (बिहार) के अधौरा प्रखंड क्षेत्र के एक अत्यंत पिछड़े गांव बड़वानकला के युवकों की ऐसी ही जिद ने सख्त पहाड़ों की छाती चीरकर उसमें से सड़क निकाल दी।
जिद सिर्फ इसलिए कि गांव में सड़क न होने के कारण इन युवकों की शादी नहीं हो पा रही थी। गांव में कुल 121 कुंआरे हैं जबकि कुछ जीवन साथी का इंतजार करते करते झुर्रियों से भर गए और कुछ एकाकी जीवन गुजारकर स्वर्ग सिधार गए हैं।
इस दौर में भी बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं इस गांव को मयस्सर नहीं हैं। इसे लेकर कोई भी पिता अपनी बिटिया की शादी यहां के युवक से नहीं करना चाहता था। शादी न होने से खीझी गांव के कुंआरों ने तय किया कि वह खुद पहाड़ तोड़कर सड़क बनाएंगे। इसे लेकर गांव के लोगों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। सो यहां के कुंआरों ने फरवरी, 2007 से अपने लिए संकल्प के मुताबिक रात में पहाड़ों को तोड़ना शुरू कर दिया। सफलता उनके हाथ 16 फरवरी, 2014 को तब लगी जब गांव में आने- जाने के लिए सड़क बन गई। अविवाहित गिरह सिंह (80) बताते है कि उन्होंने यह ठान लिया था सरकार हमारे लिए नहीं बल्कि उन लोगों के लिए है जिनके पास सब कुछ है। बस, क्या था निकल पड़े हथौड़े, फावड़े व कुदाल। चिंगारियां फेंकते सख्त पहाड़ों को महज छह साल में काटकर एक तरफ कर दिया और उसमें से निकाल लाए आठ किमी की लंबी सड़क। इस नई नवेली सड़क पर सोमवार को लोगों ने आवागमन शुरू किया तो सभी कुंआरे खुशी से उछल पड़े।
माउंटेन मैन से होगी 'सत्यमेव जयते-2' की शुरुआत:
अमित कर्ण, मुंबई। सामाजिक मुद्दों और समस्याओं पर आधारित आमिर खान का चर्चित टीवी शो 'सत्यमेव जयते' के दूसरे सीजन की शुरुआत बिहार से होगी। शो दो मार्च से स्टार प्लस पर हर रविवार को प्रसारित होगा। उससे पहले आमिर 22 फरवरी को गया के पास स्थित गहलौर गांव का दौरा करेंगे। यह गांव 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी के चलते मशहूर है। मांझी ने 1960 से 82 के दौरान 22 वर्षो तक अकेले महज छेनी, हथौड़ा और फावड़े की मदद से पहाड़ का सीना चीर रास्ता बनाया था। उसे पक्का करने से वहां के अतरी और वजीरगंज इलाके की दूरी तकरीबन 40 किमी कम हो गई थी। इस प्रेरक कहानी का जिक्र शो के पहले सीजन के दौरान आमिर के समक्ष हुआ था। उस समय वह उससे खासे प्रभावित हुए थे।