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भारतीय सेना ने नहीं, एलएसी पर चीनी सैनिकों ने की थी 10 से 15 राउंड की हवाई फायरिंग

चीन को सख्त संदेश देते हुए भारतीय सेना ने उसे भड़काने वाली हरकतों से बाज आने को कहा। चीनी सेना की इस हरकत से एलएसी पर तनाव की गंभीर स्थिति बनी हुई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 08:44 PM (IST)
भारतीय सेना ने नहीं, एलएसी पर चीनी सैनिकों ने की थी 10 से 15 राउंड की हवाई फायरिंग
भारतीय सेना ने नहीं, एलएसी पर चीनी सैनिकों ने की थी 10 से 15 राउंड की हवाई फायरिंग

संजय मिश्र, नई दिल्ली। भारत ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के दक्षिणी इलाके में एलएसी का अतिक्रमण कर हवाई फायरिंग करने के चीन के दावों को झूठा करार दिया है। भारतीय सेना ने साफ कहा है कि सोमवार की शाम चीनी सैनिकों ने एलएसी पर हवाई फायरिंग की। चीन की इन हरकतों को एलएसी पर तनाव बढ़ाने और भड़काने वाली कार्रवाई बताते हुए भारत ने साफ कहा कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को उनकी पोजीशन चौकी से हटाने की नीयत से यह हरकत की। भारतीय सैनिकों की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई।

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उकसाने-भड़काने वाली हरकत कर रहा चीन: भारत

चीन के झूठे दावों को खारिज करते हुए भारत ने साफ कहा कि पीएलए की भड़काने वाली हरकतों के बावजूद भारतीय सेना ने बेहद संयम और दृढ़ता दिखाई। भारतीय सैनिकों के फायरिंग करने के चीन के आरोपों पर भारतीय सेना ने मंगलवार को बयान जारी कर उसके दावे को झूठा करार दिया। भारतीय सेना ने कहा कि सोमवार शाम की घटना पर चीन सेना के पश्चिमी थियेटर कमान ने रात में जो बयान जारी किया वह घरेलू ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों को गुमराह करने वाला है। भारत की ओर हवाई फायरिंग नहीं की गई, बल्कि इसके उलट 7 सितंबर को पैंगोंग त्सो के दक्षिणी इलाके की में चीनी सैनिकों ने हवाई फायरिंग की।

रॉड, धारदार हथियारों से लैस होकर आए थे करीब 60 चीनी सैनिक

सूत्रों के अनुसार 60 के करीब चीनी सैनिक दक्षिणी पैंगोंग त्सो इलाके में रेगिन ला इलाके में मुखपरी चोटी के करीब भारतीय सैनिकों की ओर शाम छह बजे आक्रामक अंदाज में आए। चीनी सैनिकों का इरादा इस चोटी से मजबूत पोजीशन में बैठे भारतीय सैनिकों को वहां से हटाना था। इन चीनी सैनिकों के हाथ में लोहे के रॉड और दूसरे धारदार हथियार थे। भारतीय सैनिकों ने इनके शातिर इरादों को भांपते हुए चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने की हिमाकत से रोकने के लिए आगाह करते हुए चेताया। तब भारतीय सैनिकों को डराने की मंशा से चीनी सैनिकों ने हवा में 10 से 15 राउंउ फायरिंग की, लेकिन भारतीय सैनिकों के दृढ़ रुख को देखते हुए अंतत: उन्हें पीछे लौटना पड़ा। चीनी सेना की कोशिशों को नाकाम करने के साथ ही इस रणनीतिक चोटी पर भारतीय सैनिक पूरी मजबूती से अब भी डटे हुए हैं।

भारतीय सेना ने कहा- चीनी इलाके में भारतीय सैनिकों के घुसने का उसका दावा झूठा

भारतीय सैनिकों के चीनी इलाके में घुसने के आरोपों को खारिज करते हुए ्रभारतीय सेना ने अपने बयान में कहा कि हमारे सैनिकों ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पार नही की है। न ही किसी तरह के उकसावे वाला काम किया है। सोमवार शाम की घटना का जिक्र करते हुए सेना ने कहा कि चीनी सेना हमारी फॉरवर्ड पोजीशन के करीब आने की कोशिश कर रही थी। भारतीय सैनिकों ने इस पर चीनी सेना को रोकने का प्रयास किया। लेकिन चीनी सेना ने उलटे हमारी सेना को डराने के लिए हवा में कुछ राउंड फायर किए। इस उकसावे वाली कार्रवाई केबावजूद भारतीय सेना ने संयम, जिम्मेदारी और सूझबूझ का परिचय दिया।

भारतीय सेना ने कहा- भड़काने वाली हरकतों से बाज आए चीन

चीन को सख्त संदेश देते हुए सेना ने उसे भड़काने वाली हरकतों से बाज आने को कहा। साथ ही दो टूक कहा कि भारतीय सेना शांति और विश्वास बहाली के लिए प्रतिबद्ध है मगर देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए भी वह दृढ़ निश्चयी है। सेना ने कहा कि चीनी सेना लगातार समझौते का उल्लंघन कर आक्रामक हरकत कर रही है। वह भी तब जब सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर गतिरोध को लेकर बातचीत हो रही है। गौरतलब है कि चीन की पश्चिमी थियेटर कमांड के प्रवक्ता ने सोमवार देर रात बयान जारी कर भारतीय सैनिकों पर एलएसी का उल्लंघन कर हवाई फायरिंग करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि चीनी सेना ने इसी के जवाब में हवाई फायरिंग की।

एलएसी पर तनाव की गंभीर स्थिति

चीनी सेना की इस हरकत से एलएसी पर तनाव की गंभीर स्थिति बनी हुई है। 1975 के बाद बीते 45 साल में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच फायरिंग की घटना पहली बार हुई है जो सीमा पर दोनों देशों के बीच जारी सैन्य तनातनी की गंभीरता को दर्शाता है। 29-30 और 31 अगस्त की रात चीनी सैनिकों की पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे की पहाड़ी चोटियों पर घुसपैठ की ताजा कोशिशों ने इस तनाव को और भी बढ़ाया है।


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