'हर लड़की के गुम होने को प्रेमी संग भागना न समझें, मानसिकता बदले पुलिस'
महाराष्ट्र के ठाणे जिले से पिछले साल एक नाबालिग लड़की लापता हो गई थी। इस मामले में पुलिस मानकर चल रही थी कि प्रेम-प्रसंग का मामला होगा।
मुंबई, पीटीआइ। अगर कोई लड़की घर से गायब होती है, तो आमतौर पर पुलिस यह मानकर चलती है कि यह प्रेम-प्रसंग का मामला है। फिर चाहे लड़की बालिग हो या नाबालिग। लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस की इस मानसिकता को लेकर कड़ी फटकार लगाई है।
दरअसल, महाराष्ट्र के ठाणे जिले से पिछले साल एक नाबालिग लड़की लापता हो गई थी। इस मामले में पुलिस मानकर चल रही थी कि प्रेम-प्रसंग का मामला होगा। लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस मानसिकता बदले और हर नाबालिग लड़की की गुमशुदगी को फिल्मों की तरह प्रेमी संग भागने का मामला न समझे।
गुमशुदा लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में जांच तेज करने के निर्देश देने की मांग की थी। 10 जुलाई को हुई सुनवाई में जस्टिस एससी धर्माधिकारी और भारती डांगरे की बेंच ने कहा, 'अधिकारी न भूलें कि यह जीवन की वास्तविक घटनाएं हैं। ऐसे भी लोग हैं, जो अपने बच्चों की गुमशुदगी का दर्द झेल रहे हैं। गुमशुदा बच्चे भी कष्ट झेल रहे होंगे।'
इससे पहले एडिशनल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर जेपी याग्निक ने दलील दी थी कि जांच के मुाबिक, नाबालिग लड़की अपने स्कूल के एक लड़के के बहकाने पर घर छोड़ कर भागी थी। हालांकि, बेंच ने कहा कि यह मामला एक नाबालिग लड़की के कथित अपहरण और उसे माता-पिता के संरक्षण से दूर करने का है। कोर्ट ने पुलिस को दो हफ्ते में ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है।