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नक्सलियों को मिलेगा करारा जवाब: गृह मंत्री

एक महीने तक गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा के बाद राजनाथ सिंह एक्शन में आ गए हैं। देश में आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले बड़े फैसले में उन्होंने नक्सलियों को करारा जवाब देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को खत्म करने के लिए चौतरफा कार्रवाई की जाएगी। नक्सल प्रभावित 10 राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों के महानिदेशकों की बैठक में राजनाथ ने साफ कर दिया कि नक्सलियों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।

By Edited By: Published: Fri, 27 Jun 2014 06:54 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jun 2014 12:26 AM (IST)
नक्सलियों को मिलेगा करारा जवाब: गृह मंत्री

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। एक महीने तक गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा के बाद राजनाथ सिंह एक्शन में आ गए हैं। देश में आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले बड़े फैसले में उन्होंने नक्सलियों को करारा जवाब देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को खत्म करने के लिए चौतरफा कार्रवाई की जाएगी। नक्सल प्रभावित 10 राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों के महानिदेशकों की बैठक में राजनाथ ने साफ कर दिया कि नक्सलियों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।

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नक्सलियों को किनारे करने के लिए राजनाथ ने विकास की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, 'सड़क बनाना पुलिस अभियान से ज्यादा अहम है।' राजनाथ नक्सलियों के खिलाफ पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम की नीति से एक कदम आगे बढ़ गए हैं। चिदंबरम ने ¨हसा छोड़ने के बाद नक्सलियों के साथ बातचीत का संकेत दिया था। वहीं, राजनाथ सिंह ने किसी भी स्थिति में बातचीत की संभावना से इन्कार कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर नक्सली सुरक्षाबलों पर हमला करते हैं तो वे उसका करारा जवाब देंगे। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि पुलिस अभियान, लंबित विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने, स्थानीय लोगों की समस्या को प्राथमिकता से निपटाने और नक्सलियों के खिलाफ जनता को जागरूक करने जैसे सभी उपाय एकसाथ किए जाएंगे। नक्सलियों के खिलाफ अभियान को कारगर बनाने के लिए सबसे अधिक प्रभावित चार राज्यों छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और बिहार में आंध्र प्रदेश के ग्रेहाउंड की तर्ज पर विशेष पुलिस बल का गठन किया जाएगा। इस पर आने वाला पूरा खर्च केंद्र वहन करेगा। पुलिस अभियान को प्रभावी बनाने के साथ ही नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का मौका भी दिया जाएगा। इसके लिए राजनाथ सिंह ने नई समर्पण और पुनर्वास नीति बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों को विशेष भत्ता देने के बारे में विचार करने को भी कहा।

गृह मंत्री ने नक्सली ¨हसा में कमी के बावजूद विकास की रफ्तार धीमी होने पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र इन इलाकों में सड़क परियोजनाओं की पूरी निगरानी करेगा और उनके समय पर पूरा होना सुनिश्चित करेगा। उन्होंने समेकित विकास योजना के तहत नक्सल प्रभावित जिलों को मिलने वाले 30 करोड़ रुपये की सालाना सहायता का उपयोग स्थानीय युवाओं में कौशल विकास पर खर्च करने का निर्देश दिया। राजनाथ ने राज्यों को नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में पूरी केंद्रीय सहायता का भरोसा दिया। बैठक में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान के लिए दो और हेलीकॉप्टर की जरूरत का मुद्दा उठाया। इस पर उन्हें बताया गया कि इसके लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा जा चुका है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले बजट में सुरक्षा संबंधी खर्च को 200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 400 करोड़ करने की मांग की गई है, ताकि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों की कमी आड़े न आए। बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र और तेलंगाना के मुख्य सचिव व डीजीपी और सीआरपीएफ तथा बीएसएफ के प्रमुख शामिल हुए।

'बातीचत का कोई सवाल ही नहीं है। हम संतुलित रवैया अख्तियार करेंगे, लेकिन अब सुरक्षाबल नक्सली हमलों का मुंहतोड़ जवाब देंगे।'

-राजनाथ सिंह, गृह मंत्री

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