मोदी सरकार ने किसानों को परेशानी से उबारा, कृषि क्षेत्र को लॉकडाउन से मिली छूट
सरकार ने कृषि मजदूरों को काम पर जाने के साथ ही उर्वरक कीटनाशक और बीज उत्पादन एवं पैकेजिंग इकाई को भी लॉकडाउन आदेश से छूट दी गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने कृषि क्षेत्र को लॉकडाउन नियमों से छूट देने की घोषणा की है। खेतों में तैयार खड़ी रबी की फसलों को लेकर किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसका ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को मंडी, खरीद एजेंसियों, खेती से जुड़े कामकाज, भाड़े पर कृषि मशीन देने वाले केंद्रों के साथ ही कृषि से संबंधित सामान का राज्य के भीतर और अंतर-राज्यीय परिवहन को लॉकडाउन से छूट दे दी।
कृषि मजदूरों को काम पर जाने, उर्वरक की दुकानें और कृषि मशीनरी को मिली लॉकडाउन से छूट
गृह मंत्रालय द्वारा जारी ताजा निर्देश के मुताबिक, सरकार ने कृषि मजदूरों को काम पर जाने के साथ ही उर्वरक, कीटनाशक और बीज उत्पादन एवं पैकेजिंग इकाई को भी लॉकडाउन आदेश से छूट दी गई है।निर्देश में कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि में उर्वरक की दुकानें और कृषि मशीनरी भाड़ा केंद्र संचालन में रहेंगे।
कृषि उत्पादों की खरीदारी करने वाली अधिसूचित मंडियों को छूट
बयान में कहा गया है, 'न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संचालन समेत कृषि उत्पादों की खरीदारी करने वाली एजेंसियां, एपीएमसी द्वारा संचालित या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित मंडियों को छूट दी गई है।'
रबी की फसलें पक कर तैयार
यह निर्देश रबी की खेती में किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए जारी की गई है। इसके साथ ही इसका उद्देश्य कोरोना वायरस के फैलने पर अंकुश पाने के लिए घोषित देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसानों मंडियों तक पहुंचने की छूट देना है। सर्दियों के समय में होने वाली रबी की फसलें गेहूं, सरसों, मक्का, एवं दालों की फसल पक कर तैयार हो गई हैं और आने वाले महीने में ये फसलें मंडियों तक पहुंचने लगेंगी।
फसल की कटाई के लिए कोई पाबंदी नहीं
देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसल की कटाई के लिए कोई पाबंदी नहीं है। कृषि से जुड़ी समस्त गतिविधियों को आवश्यक सूची में शामिल कर लिया गया है। पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद सभी राज्यों में इसकी छूट है। किसानों को उनके गेहूं की फसल की कटाई के लिए कई राज्य सरकारों ने मदद की पेशकश भी की है। इसके लिए कंबाइनर हारवेस्टर समेत कई अन्य तरह की मशीनें मुहैया कराये जा रहे हैं। किसानों को उनके खेतों व खलिहानों से तैयार अनाज को घर में रखने यानी भंडारण करने के लिए भी मदद दी जाएगी। इसके लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही हैं।