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Monsoon Session of Parliament: प्रश्नकाल और शून्यकाल के बगैर होगा संसद का मानसून सत्र, विपक्ष ने जताई आपत्ति

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में कुछ बदलाव किए गए हैं बदलावों के अनुसार मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा लेकिन शून्य काल रहेगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 11:45 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 10:27 PM (IST)
Monsoon Session of Parliament: प्रश्नकाल और शून्यकाल के बगैर होगा संसद का मानसून सत्र, विपक्ष ने जताई आपत्ति
Monsoon Session of Parliament: प्रश्नकाल और शून्यकाल के बगैर होगा संसद का मानसून सत्र, विपक्ष ने जताई आपत्ति

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड-19 महामारी के दौरान संसद के मानसून सत्र की बैठकों की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की ओर से बुद्धवार को इसके लिए विस्तृत अधिसूचना जारी कर दी गई। आगामी संसद सत्र की कार्यवाही में प्रश्न काल, प्राइवेट मेंबर बिल और शून्यकाल नहीं शामिल नहीं होगा। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह और शाम की पारी में बारी-बारी से चलेगी। प्रश्नकाल व शून्यकाल के स्थगित करने के फैसले पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। हालांकि भाजपा ने इसे विपक्षी दलों का दोहरापन करार दिया है।

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उन्होंने कहा कि पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक में इन दलों ने इस पर अपनी सहमति जताई थी। फिर अचानक अपना रुख बदलने का औचित्य क्या है। चौदह सितंबर से एक अक्तूबर के बीच 18 दिन के संसद के इस अधिवेशन में कोई छुट्टी नहीं होगी। यानी शनिवार और रविवार को भी संसद में अवकाश नहीं रहेगा। यह प्रावधान कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की विषम हालत के मद्देनजर किया गया है। संसद के दोनों सदनों लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही सुबह और शाम की पारी में बारी-बारी से चलेगी। कोरोना संक्रमण की महामारी के बीच आयोजित संसद के मानसून सत्र में सुबह नौ बजे से एक बजे के बीच पहली पारी और शाम तीन बजे से सात बजे के बीच दूसरी पारी की बैठकें आयोजित की जाएंगी।

जारी अधिसूचना के मुताबिक राज्यसभा की कार्यवाही 14 अगस्त को पहले दिन को छोड़कर बाकी दिनों में सुबह की पारी (शिफ्ट) में संपन्न होगी। जबकि लोकसभा कार्यवाही शाम की शिफ्ट में संपन्न होगी। संसद में सदस्यों की ओर से विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सरकारी कामकाज के बार में सवाल पूछे जाते हैं, जिसका जवाब संबंधित मंत्री की ओर से दिया जाता है। लेकिन इस बार कोविड-19 की प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से आगामी मानसून सत्र के दौरान प्रश्नोत्तर काल नहीं होगा। लोकसभा सचिवालय की जारी अधिसूचना में बताया गया है कि स्पीकर के निर्देशानुसार सत्र के दौरान प्राइवेट मेंबर बिल के लिए कोई दिन निर्धारित नहीं किया गया है। इसी तरह का प्रावधान राज्यसभा सचिवालय की अधिसूचना में भी किया गया है।

प्रश्नकाल के स्थगित होने को लेकर राज्यसभा में तृणमूल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे सरकार से सवाल पूछने के सांसद के अधिकार समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि महामारी की आड़ में यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कि पहले भी प्रश्नकाल स्थगित किए गए थे, लेकिन तब किसी खास उद्देश्य से बुलाए संसद के सत्र में ऐसा किया गया था। इस बार ऐसा नहीं यह तो संसद का नियमित सत्र बुलाया जा रहा है।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर को पत्र लिखकर मानसून सत्र से प्रश्न काल और शून्यकाल को स्थगित करने पर अपनी नाराजगी जताई थी। सूत्रों के मुताबिक इस तरह का फैसला लेने से पहले सरकार ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक उनकी सहमति के बाद यह कदम उठाया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इस पर एतराज करते हुए कहा कि पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई बैठक में विपक्षी दलों ने हामी भरी थी, फिर अचानक इस तरह रुख बदलने का क्या उद्देश्य है।

संसद सत्र के संचालन को किए गए व्यापक इंतजाम

हजारों मास्क व ग्लव्स, सैनिटाइजर की सैकड़ों बोतलें व फेस शील्ड, बिना संपर्क के खुलने वाले दरवाजे तथा सांसद व अन्य स्टाफ समेत करीब 4000 लोगों के लिए कोरोना जांच की व्यवस्था..। अधिकारियों ने बताया, 'संसद भवन का तो सैनिटाइजेशन किया ही जाएगा, साथ ही कामकाज से संबंधित दस्तावेज, सांसदों की कार व जूतों को भी सैनिटाइज किया जाएगा। सुरक्षाकर्मी तो बिना संपर्क सुरक्षा जांच करेंगे ही, थर्मल स्क्रीनिंग भी पूरी तरह संपर्करहित होगी। मानसून सत्र के दौरान पहली बार लोकसभा और राज्यसभा अलग-अलग शिफ्ट में चलेगी। इसके अलावा सांसदों के लिए शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए बैठने की खास व्यवस्था की गई है।'

मीडियाकर्मियों को सत्र की शुरुआत से पहले कोरोना संक्रमण की जांच जरूरी

कोरोना संक्रमण की महामारी के मद्देनजर संसद को सुरक्षित बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आइसीएमआर व डीआरडीओ से विस्तृत बातचीत कर चुके हैं। सांसदों, सचिवालय कर्मियों व कार्यवाही की कवरेज करने वाले मीडियाकर्मियों को सत्र की शुरुआत से 72 घंटे पहले कोरोना संक्रमण की जांच कराने के लिए कहा गया है। संसद के मुख्य भवन में केवल सांसद व मंत्रियों को प्रवेश की इजाजत होगी, जबकि उनके स्टाफ के लिए अलग व्यवस्था की गई है। संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए सांसदों को मास्क पहने व बैठे हुए ही बोलने की इजाजत दी जाएगी। सभी सांसदों को डीआरडीओ की तरफ से कोविड-19 किट दी जाएगी। इसमें 50 डिस्पोजेबल मास्क, पांच एन-95 मास्क, 20 बोतल सैनिटाइजर (50 एमएल), फेस शील्ड, 40 जोड़े ग्लव्स, दरवाजा खोलने व बंद करने के लिए टच-फ्री हुक व टी बैग मौजूद होंगे।


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