Move to Jagran APP

कोविड वैक्‍सीन के हल्‍के दुष्‍प्रभावों को लेकर डरने की जरूरत नहीं, जानें क्‍या कहते हैं चिकित्‍सा विशेषज्ञ

कोरोना के खिलाफ टीकाकरण के दौरान कुछ लोगों में हल्‍के दुष्प्रभावों के सामने आने की बात सामने आई है। इस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने विस्‍तार से जानकारी दी। जानें उन्‍होंने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 01:06 AM (IST)
कोविड वैक्‍सीन के हल्‍के दुष्‍प्रभावों को लेकर डरने की जरूरत नहीं, जानें क्‍या कहते हैं चिकित्‍सा विशेषज्ञ
कोविड वैक्‍सीन के हल्के दुष्प्रभाव पर जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ...

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना टीकाकरण के दो दिन पूरे हो गए हैं। इस दौरान कुछ लोगों पर हल्के दुष्प्रभाव की बात सामने आई है। इस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह दुष्प्रभाव दो दिन में ठीक हो जाता है। टीका लगने के बाद दुष्प्रभाव से पीड़ि‍त एम्स का सुरक्षा गार्ड भी अब पूरी स्वस्थ है। उसे छुट्टी दे दी गई है। शनिवार को टीका लगने के 15 मिनट बाद उसे घबराहट, सिर में दर्द, शरीर में चकत्ते (रैशेज) आ गए थे।

loksabha election banner

अफवाहों से बचना जरूरी

डा. गुलेरिया ने कहा कि दवा देकर तुरंत इलाज किया गया। अब वह ठीक है। कुछ लोगों को बुखार की दवा से भी एलर्जी हो जाती है। टीके के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों से बचना जरूरी है। यह सही है कि फेज तीन के ट्रायल के आंकड़े आने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन जिस तरह कई देशों में तेजी से संक्रमण फैला है, उसे देखते हुए इंतजार नहीं किया जा सकता। अभी देश में स्थिति अच्छी है जो टीकाकरण के लिए भी अनुकूल है।

...तो बिगड़ जाती स्थिति

डा. गुलेरिया ने कहा कि यदि यहां भी दोबारा संक्रमण फैल गया और टीके के प्रभावी होने के आंकड़े का इंतजार करते रहते तो फिर स्थिति बिगड़ जाती। वैसे भी कोरोना के इलाज के लिए कोई कारगर दवा नहीं है। रेमडेसिवीर एवं प्लाज्मा भी पूरी तरह प्रभावी नहीं है। फिर भी इमरजेंसी इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में यह टीका उन दवाओं के मुकाबले ज्यादा बेहतर व प्रभावी है।

संक्रमण रोकने के लिए वैक्‍सीन ही विकल्‍प

डा. गुलेरिया ने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि स्कूल जल्द खुलें, छुट्टियों में बाहर घूमने जाएं तो संक्रमण रोकने के लिए टीका ही एक मात्र विकल्प है। पहली डोज के 28 दिन पर दूसरी डोज लेना है। लेकिन, किसी कारण एक-दो दिन देर होने पर भी दूसरी डोज ली जा सकती है। ड्रग कंट्रोलर द्वारा तय दिशा निर्देश के अनुसार चार से छह सप्ताह के अंदर दूसरी डोज ली जा सकती है।

हल्‍के प्रतिकूल प्रभावों से डरने की जरूरत नहीं

मालूम हो कि मेदांता अस्पताल के चेयरमैन नरेश त्रेहान ने भी शनिवार को वैक्‍सीन लगवाई थी। उनका कहना था कि कोविड-19 की दोनों ही वैक्‍सीन सुरक्षित हैं। यदि थोड़ा बुखार आता भी है तो इससे डरने या चिंतित होने की जरूरत नहीं है। यह संकेत है कि टीका काम कर रहा है और बॉडी रि‍एक्‍ट कर रही है और कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार कर रही है। थोड़ा रिएक्‍शन हो तो यह अच्‍छी बात है इससे घबराने की जरूरत नहीं है...

टीकाकरण के बाद भी बरतने होंगे एहतियात

नरेश त्रेहान ने यह भी कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ रहे फ्रंट लाइन कर्मचारियों के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। वैक्‍सीन की पहली डोज लगने के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगेगी। इसके दो-तीन हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडीज इस तादाद में शायद बन जाएं जो वायरस से सुरक्षा प्रदान कर सकें। इस दौरान वैक्‍सीन लेने वाले शख्‍स को पहले की तरह ही कोरोना से बचाव के उपायों पर अमल करते रहना होगा। आगे भी हम दूसरों के लिए संक्रमण का वाहक ना बनें इसके लिए सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.