लापता AN-32 विमान का 5 दिन बाद भी नहीं मिला सुराग, एयरचीफ BS धनोआ की ऑपरेशन पर खास नजर
3 जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद वायुसेना के AN-32 विमान का संपर्क टूट गया था। वायुसेना के लापता AN-32 विमान में क्रू मेंबर्स समेत 13 लोग सवार थे।
जोरहाट, एएनआइ। 125 घंटों से ज्यादा समय से लापता भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान का अबतक कोई पता नहीं चल पाया है। वायुसेना के लापता विमान को खोजने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन जारी है। इस बीच वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ असम के जोरहाट एयरबेस पहुंचे गए हैं। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ की इस सर्च ऑपरेशन पर लगातार नजर बनी हुई है।
बता दें, 3 जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद वायुसेना के AN-32 विमान का संपर्क टूट गया था। वायुसेना के लापता AN-32 विमान में क्रू मेंबर्स समेत 13 लोग सवार थे। AN-32 विमान अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा के पास स्थित मेचुका एयरबेस से पिछले कई दिनों से लापता हो गया।
लापता विमान AN-32 का पता लगाने के लिए आइएनएस राजली, अरकोणम, तमिलनाडु का लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रीकानसन्स एयरक्राफ्ट पी8 सर्च ऑपरेशन में हिस्सा लेगा। दरअसल, यह अपने विशेष रडार और सेंसर का उपयोग करके खोज अभियान को अंजाम देगा।
धनोआ ने विमान में सवार एयरफोर्स कर्मियों के परिजनों से बात की
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने आज विमान में सवार एयरफोर्स कर्मियों के परिजनों के साथ बातचीत की। धनोआ ने इस दौरान उन्हें आश्वासन दिया कि विमान और कर्मियों का पता लगाने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएंगे।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को खोज और बचाव कार्यों के बारे में हर अपडेट दी जा रही है। रक्षा मंत्री ने विमान और उसमें मौजूद लोगों का पता लगाने के लिए सभी संभावित संसाधनों का उपयोग करने का निर्देश दिया है। लापता AN-32 विमान का पता लगाने के लिए इंडियन एयरफोर्स एविएशन रिसर्च सेंटर के ग्लोबल 5000 सर्विलांस एयरक्राफ्ट और NTRO स्पाई सैटलाइट के साथ दूसरे चीजों का भी इस्तेमाल कर रहा है। अपने स्पेशलिस्ट सेंसर की मदद से वह जमीन पर बेहतर तस्वीर हासिल कर सकते हैं।
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