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पाकिस्तान की जेलों में बंद 17 भारतीयों की नहीं हो पा रही पहचान, सरकार ने लोगों से मांगी मदद

पाकिस्तान द्वारा छह साल पहले उसकी जेलों में मानसिक रूप से अस्वस्थ 17 भारतीयों के बंद होने की बात कहे जाने के बाद से उनकी पहचान की पुष्टि के लिए किए जा रहे प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 07:48 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 07:48 PM (IST)
पाकिस्तान की जेलों में बंद 17 भारतीयों की पहचान नहीं हो पाई है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। पाकिस्तान द्वारा छह साल पहले उसकी जेलों में मानसिक रूप से अस्वस्थ 17 भारतीयों के बंद होने की बात कहे जाने के बाद से उनकी पहचान की पुष्टि के लिए किए जा रहे प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी तस्वीरें भी अपनी वेबसाइट पर डाली हैं। राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही आम लोगों से भी सहायता मांगी गई है।

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एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन राष्ट्रीयता की पुष्टि नहीं होने की वजह से उन्हें भारत नहीं लाया जा सका। पाकिस्तान की जेल में बंद जिन 17 कैदियों को भारतीय माना जाता है, उनमें से चार महिलाएं हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें गुल्लू जान, अजमीरा, नाकाया और हसीना नाम दिया है। अन्य कैदी सोनू सिंह, सुरिंदर महतो, प्रह्लाद सिंह, सिलरोफ सलीम, बिरजू, राजू, बिपला, रूपी पाल, पनवासी लाल, राजू माहोली, श्याम सुंदर, रमेश और राजू राय हैं।

गृह मंत्रालय ने कहा कि कोई व्यक्ति अगर इन 17 लोगों में से किसी की पहचान कर सकता है तो उसे गृह मंत्रालय में अवर सचिव (विदेश), राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग अथवा पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक अथवा पुलिस आयुक्त से संपर्क करना चाहिए।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, पाकिस्तान की जेल में बंद मानसिक रूप से अस्वस्थ 17 लोगों की तस्वीर संलग्न है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे भारतीय हैं। ये व्यक्ति मानसिक अस्वस्थता के कारण अपने माता-पिता, रिश्तेदारों के नाम या भारत में उनके पते आदि समेत और कोई भी जानकारी देने में अक्षम हैं।

पाकिस्तान ने 2015 में भारत को उसकी जेलों में बंद इन 17 लोगों के बारे में बताया था, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा सकता क्योंकि मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की वजह से उन्हें अपने पते-ठिकाने के बारे में कुछ याद नहीं है।


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