'नीति फोरम फॉर नार्थ ईस्ट' की पहली बैठक में हुआ पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर मंथन
नवगठित 'नीति फोरम फॉर नार्थ ईस्ट' की पहली बैठक में मंगलवार को यहां पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर जो मंथन हुआ, उसके आधार पर यह पांच सूत्रीय मिशन तय हुआ।
हरिकिशन शर्मा, अगरतला। प्राकृतिक संसाधनों से धनी, लेकिन विकास के मामले में पीछे छूटे पूर्वोत्तर के राज्यों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार पांच सूत्रीय मिशन पर काम करेगी। इसके तहत इन राज्यों में हार्टीकल्चर, पर्यटन और बांस से निर्मित हैंडीक्त्राफ्ट को विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही इन प्रदेशों की राजधानियों को सड़क, रेल व हवाई मार्ग से जोड़ने तथा इस क्षेत्र के शहरों से अंतराष्ट्रीय उड़ानें शुरु करने की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे।
नवगठित 'नीति फोरम फॉर नार्थ ईस्ट' की पहली बैठक में मंगलवार को यहां पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर जो मंथन हुआ, उसके आधार पर यह पांच सूत्रीय मिशन तय हुआ। फोरम की बैठक नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें केंद्र सरकार के पूर्वात्तर विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेन्द्र सिंह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब, नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफ्यू और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के मंत्री व केंद्र और राज्यों के अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि पूर्वात्तर के विकास के लिए मेक इन नार्थ ईस्ट, बांस आधारित हेंडीकाफ्ट व लघु और मध्यम उद्यम, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन और हार्टीकल्चर विकसित करने का मिशन शुरु होगा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को मुख्यधारा में लाने की चुनौती है। यहां से प्राकृतिक और मानवीय संसाधन बाहर जा रहे हैं। यह ट्रेंड बदलना होगा। यहां रोजगार के अवसर सृजित करने होंगे।
इस मौके पर मौजूद सिंह ने कहा कि सरकार ने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को बांग्लादेश की राजधानी ढाका और चिटगांव से हवाई सेवा से जोड़ने के लिए सरकार ने एक निजी एयरलाइन के साथ बातचीत शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि बैठक में बांग्लादेश और त्रिपुरा को जोड़ने वाली प्रस्तावित रेल लाइन पर भी चर्चा हुई। यह रेल लिंक अगरतला से बांग्लादेश के गंगासागर तक बनाया जा रहा है।
हिमालयी व तटीय राज्यों के लिए रीजनल परिषद
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि आयोग 'नीति फोरम फॉर नार्थ ईस्ट' की तर्ज पर हिमालयी राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तथा तटीय राज्यों के लिए अलग-अलग रीजनल काउंसिल गठित करेगा। उन्होंने कहा कि आयोग को इस तरह की परिषदें गठित करने का अधिकार है।
क्या है 'नीति फोरम फॉर नार्थ ईस्ट'?
सरकार ने 20 फरवरी 2018 को 'नीति फोरम फॉर नार्थ ईस्ट' का गठन किया था। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार इस फोरम के अध्यक्ष हैं, जबकि केंद्र सरकार में पूर्वात्तर क्षेत्र विकास विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेन्द्र सिंह इसके सह अध्यक्ष हैं। 35 सदस्यीय इस फोरम में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत सहित भारत सरकार के 9 विभागों के सचिव और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्य सचिव बतौर सदस्य शामिल हैं। पूर्वोत्तर विकास विभाग के सचिव नवीन वर्मा का कहना है कि यह फोरम पूर्वोत्तर विकास परिषद, नीति आयोग और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय का काम करेगा।