नीति आयोग करेगा विकास दर की भविष्यवाणी
नीति आयोग जल्द ही देश की विकास दर के बार में भी घोषणा करने का काम शुरू कर सकता है। इसके लिए वह विचार विमर्श करने में जुटा है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। किसी वित्त वर्ष में देश की विकास दर कितनी रहने की संभावना है, यह भविष्यवाणी करने का काम नीति आयोग शुरु कर सकता है। आयोग इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सकल घरेलू उत्पाद की भविष्यवाणी और राजस्व संग्रह के संबंध में पूर्वानुमान जारी करने की प्रक्रिया शुरु करने पर विचार विमर्श कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि जल्द ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानागढि़या के नेतृत्व में एक बैठक होने जा रही है जिसमें इस संबंध में सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद नीति आयोग सालाना और मध्यावधि में विकास दर के संबंध में अपनी भविष्यवाणी देने की प्रक्रिया शुरु कर सकता है।
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सूत्रों ने कहा कि विकास दर की भविष्यवाणी करने की जिम्मेदारी आधिकारिक तौर पर तो सरकार ने आयोग को नहीं दी है लेकिन बताया जाता है कि नीति आयोग ने खुद अपनी ओर से यह पहल की है। इसकी वजह शायद यह है कि पहले जीडीपी की वृद्धि दर के संबंध में भविष्यवाणी करने का काम प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद करती थी। इसके अलावा योजना आयोग भी पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से विकास दर के लक्ष्य तय कर करता था। ऐसे में अब इन दोनों संस्थाओं के न होने की वजह से विकास दर की भविष्यवाणी करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
फिलहाल वित्त मंत्रालय आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से विकास दर की सालाना भविष्यवाणी करता है। सरकार से अलग रिजर्व बैंक तथा कई अन्य अंतरराष्ट्रीय और पेशेवर संस्थाएं भी विकास दर के संबंध में अपने पूर्वानुमान व्यक्त करती हैं।