'निशंक' ने कहा- कोरोना के चलते छात्रों एवं अध्यापकों की सुरक्षा मोदी सरकार के लिए सर्वोपरि
21 दिनों का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला है। सरकार से संकेत मिला है कि लॉकडाउन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने रविवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस संकट पर स्थिति की 14 अप्रैल को समीक्षा करने के बाद सरकार स्कूल, कॉलेज फिर से खोलने पर कोई निर्णय लेगी। 'निशंक' ने प्रेट्र से एक साक्षात्कार में कहा कि छात्रों और अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए सबसे ऊपर है। उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में लगा है कि यदि स्कूल, कॉलेज को 14 अप्रैल के बाद भी बंद रखने की जरूरत पड़ी, तो छात्रों को पढ़ाई-लिखाई का कोई नुकसान नहीं हो।
एचआरडी मंत्री 14 अप्रैल को स्थिति की करेंगे समीक्षा
देश में 21 दिनों के लिए लागू लॉकडाउन समाप्त होने पर उनके मंत्रालय की योजना के बारे में पूछे जाने पर 'निशंक' ने कहा कि इस वक्त कोई फैसला लेना मुश्किल है। हम 14 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करेंगे। परिस्थितियों के मुताबिक इस बारे में फैसला लिया जाएगा कि स्कूल, कॉलेज फिर से खोले जा सकते हैं या उन्हें कुछ और समय के लिए बंद रखना होगा। मंत्री ने कहा कि देश में 34 करोड़ छात्र हैं, जो अमेरिका की आबादी से अधिक है। वे हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं। छात्रों एवं अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है।
लॉकडाउन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा
उल्लेखनीय है कि 21 दिनों का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला है। सरकार से संकेत मिला है कि लॉकडाउन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। हालांकि, स्कूल, कॉलेजों में कक्षाएं लॉकडाउन की घोषणा किए जाने से पहले से ही स्थगित हैं।
विभिन्न सरकारी प्लेटफॉर्मो के जरिये कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं
मंत्री ने कहा कि फिलहाल, विभिन्न सरकारी प्लेटफॉर्मो का उपयोग करते हुए कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। 'निशंक' ने कहा कि मैं लॉकडाउन के दौरान स्कूल, कॉलेज द्वारा अनुपालन की जा रही कार्य योजना की नियमित रूप से समीक्षा कर रहा हूं। स्थिति में सुधार आने पर और लॉकडाउन खत्म होने पर लंबित परीक्षाएं संचालित करने तथा (उत्तर पुस्तिकाओं का) मूल्यांकन करने के लिए पहले से ही एक योजना तैयार है।