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मुकेश के बयानों को निर्भया के मां-बाप ने बताया बकवास, फांसी की मांग

16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में चलती बस में हुए गैंगरेप केस के मुख्य आरोपी के बयान को पीड़िता के माता-पिता ने बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि ये एक जघन्य अपराध का दोषी है और उसका ये बयान हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता।

By anand rajEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 10:21 AM (IST)

नई दिल्ली। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में चलती बस में हुए गैंगरेप केस के मुख्य आरोपी के बयान को पीड़िता के माता-पिता ने बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि ये एक जघन्य अपराध का दोषी है और उसका ये बयान हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने ऐसे अपराध के दोषियों के लिए सिर्फ फांसी की सजा की मांग की है।

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दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग

दिल्ली में हुए निर्भया कांड को शायद ही अब तक कोई भूल पाया होगा। इस कांड के मुख्य आरोपी द्वारा दिए गए बयान के बाद पीड़िता के माता-पिता ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। उन्होंने कहा कि उसका ये बयान हमारे लिए कोई महत्व नहीं रखता। वो एक जघन्य अपराध का दोषी है और ऐसे अपराध करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

न्यायिक प्रणाली में चूक

'निर्भया' के माता-पिता ने हमारी न्यायिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हमारी न्यायिक प्रणाली में कुछ चूक है, जिसकी वजह से ऐसे आरोपी इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक इसे दुरुस्त नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे अपराधी इस तरह के बयान देते रहेंगे।

प्रधानमंत्री से अपील

'निर्भया' के माता-पिता ने कहा कि हम अपने बच्चों को हमेशा ही कभी हार न मानने और खुद के लिए खड़े होने का पाठ पढ़ाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि जब तक महिलाओं को सुरक्षा नहीं दी जाएगी, तब तक 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कार्यक्रमों को चलाने से कोई फायदा नहीं होगा।

इंसाफ की मांग

16 दिसंबर की पीड़िता के माता-पिता ने इंसाफ की मांग की है। उन्होंने हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था और सरकार से अपील की है कि ऐसे जघन्य अपराधों के लिए दोषियों को सिर्फ फांसी की सजा दी जाए और हमारे जैसे माता-पिता को इंसाफ दिया जाए।

गौरतलब है कि बीबीसी को डॉक्यूमेंट्री के लिए साक्षात्कार देते हुए 'निर्भया' कांड के मुख्य गुनहगारों में से एक जेल में बंद मुकेश ने कहा है कि दुष्कर्म के लिए लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है। उसने यह भी कहा कि अगर लड़की और उसके दोस्त ने इतना विरोध न किया होता, तो वे उन्हें इतनी बुरी तरह से न मारते। लड़की की मौत को एक दुर्घटना बताते हुए मुकेश ने कहा कि दुष्कर्म के वक्त उसे विरोध नहीं करना चाहिए था। उसे चुप रहना चाहिए था और दुष्कर्म होने देना चाहिए था। तब उसे छोड़ दिया जाता और केवल लड़के को मारा जाता। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आठ मार्च को इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा।


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