निपाह वायरस मनुष्य के जरिए फैलने के संकेत
केरल में निपाह वायरस फैलने के लिए चमगादड़ या सूअर जिम्मेदार नहीं हैं। यह
कोझिकोड। केरल में निपाह वायरस फैलने के लिए चमगादड़ या सूअर जिम्मेदार नहीं हैं। यह बात भोपाल स्थित प्रयोगशाला में जानवरों के खून के नमूनों की जांच में साबित हो गई है। अब वायरस फैलने के लिए मानव को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। लेकिन वायरस मानव में विकसित कैसे हुआ, यह सवाल पैदा हो गया है।
शुक्रवार को दक्षिणी राज्य तेलंगाना में निपाह वायरस से प्रभावित होने के लक्षणों वाले दो मरीज मिले लेकिन रक्त और बलगम के परीक्षणों से आशंका निर्मूल साबित हुई। केरल के अतिरिक्त अभी तक कर्नाटक में निपाह से पीड़ित दो मरीज मिले हैं जबकि तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और गोवा में व्यापक सतर्कता बरती जा रही है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में सतर्कता के निर्देश दिए हैं।
केरल में अभी तक इस वायरस के प्रकोप से 12 लोगों की जान जा चुकी है और दर्जन भर से ज्यादा का इलाज चल रहा है। मिलते-जुलते लक्षणों वाले मरीजों के संख्या इसके अतिरिक्त है। केरल में चमगादड़ों के जरिए वायरस का प्रकोप होने के संकेत मिले थे। ये चमगादड़ एक ऐसे कुएं में रहते थे जिसका पानी काफी लोग इस्तेमाल कर रहे थे।
वायरस से प्रभावित मरीज को तेज सिरदर्द के साथ बुखार आता है और इसके बाद वह दिमागी रूप से अक्रियाशील हो जाता है। कुछ दिन बाद कोमा में जाकर पीड़ित की मौत हो जाती है। इस बीमारी का दुनिया में अभी कोई इलाज नहीं है।
पर्यटन पर विपरीत असर, रद्द हो रही बुकिंग
निपाह वायरस के प्रकोप का केरल के पर्यटन कारोबार पर गंभीर असर पड़ा है। छुट्टियां मनाने के लिए केरल आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है तो जिन लोगों ने निकट भविष्य के लिए बुकिंग कराई थीं, वे उन्हें रद्द करा रहे हैं। बड़ी संख्या में ट्रेन, विमान सेवा और होटलों की बुकिंग रद्द कराए जाने की सूचना है।
पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार वायरस का खतरा कुछ जिलों में है जबकि पूरे केरल को इससे प्रभावित बताया जा रहा है। पश्चिम एशियाई देश यूएई ने भारत यात्रा पर आए और आने वाले अपने नागरिकों को केरल जाने में सतर्कता बरतने की सलाह दी है। कहा है कि बहुत जरूरी न होने पर वे केरल न जाएं।