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मध्य प्रदेश में चमगादड़ों की मौत के पीछे निपाह व सार्स-2 वायरस नहीं- रिपोर्ट में हुआ खुलासा

राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट से यह तो पुष्टि हो गई है कि सिंगरौली में चमगादड़ों की मौत का कारण निपाह व सार्स-2 वायरस नहीं है

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 08:54 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 08:54 AM (IST)
मध्य प्रदेश में चमगादड़ों की मौत के पीछे निपाह व सार्स-2 वायरस नहीं- रिपोर्ट में हुआ खुलासा
मध्य प्रदेश में चमगादड़ों की मौत के पीछे निपाह व सार्स-2 वायरस नहीं- रिपोर्ट में हुआ खुलासा

राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में चमगादड़ों की मौत की पहेली अब भी नहीं सुलझ पाई है। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट से यह तो पुष्टि हो गई है कि सिंगरौली में चमगादड़ों की मौत का कारण निपाह व सार्स-2 वायरस नहीं है, पर वास्तविक कारण क्या है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं हो सकी। गौरतलब है कि सिंगरौली और बैतूल जिले में पिछले माह अचानक सैकड़ों चमगादडों की मौत हो गई थी।

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दोनों ही जिलों से मृत चमगादड़ों के पोस्टमार्टम कर सैंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान आनंद नगर, भोपाल भेजे गए थे। इनमें से सिंगरौली के सैंपलों की जांच पूरी कर संस्थान ने उप-संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं सिंगरौली को रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच में चमगादड़ों की मौत निपाह और सार्स-2 वायरस से होना नहीं पाया गया है।

सैकड़ों चमगादड़ों की मौत से मची थी लोगों में दहशत

मध्य प्रदेश के बैतूल और सिंगरौली में सैकड़ों की संख्‍या में चमगादड़ों की मौत से दहशत फैल गई। इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए गए। ऐसे में वन विभाग ने दोनों जिलों में टीमें गठित कर जांच शुरू कर दी और संबंधित डीएफओ (डिस्ट्रि‍क्ट फॉरेस्ट ऑफिसर) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। चमगादड़ों का पोस्टमार्टम कराकर सैंपल जांच के लिए वेटरनरी कॉलेज जबलपुर और उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला (एचएसएडीएल) भोपाल भेजे गए।

बिहार-यूपी में भी हुई चमगादड़ों की मौत

बिहार और यूपी के जौनपुर और गोरखपुर के बाद मध्य प्रदेश में भी चमगादड़ों की मौत का मामले सामने आया। करीब 10 दिन पहले बैतूल के भीमपुर ब्लॉक के बेहड़ा धाना गांव में 20 चमगादड़ों की मौत से सिलसिला शुरू हुआ। 5 दिन पहले सिंगरौली जिले की माड़ा तहसील के पड़री गांव में भी मौत हुई हैं। चमगादड़ों के अचानक पेड़ों से गिरकर मरने की घटना से ग्रामीण दहशत में आ गए। इस पर वन विभाग के पशु चिकित्सकों को बुलाकर शवों का परीक्षण कराया और जांच के लिए सैंपल भेजे गए। विभाग ने अन्य जिलों के डीएफओ को भी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल इसी मौसम में गुना जिले में 2500 से अधिक और नरसिंहगढ़ में करीब पांच सौ चमगादड़ों की मौत हुई थी। लोगों का मानना है कि अचानक गर्मी बढ़ी है। आसपास तालाबों में पानी भी नहीं है। आशंका जताई जा रही है कि गर्मी के चलते चमगादड़ों की मौत हो गई हो।


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