जिम कॉर्बेट पार्क के सभी जोन में शुरू हुआ नाइट स्टे,अब और करीब से करें प्रकृति का दीदार
प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों के लिए देश-दुनिया में मशहूर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब नाइट स्टे भी किया जा सकेगा। पार्क के ढिकाला समेत सभी जोन के वन विश्रामगृह पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं।
रामनगर,जेएनएन। प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों के लिए देश-दुनिया में मशहूर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब नाइट स्टे भी किया जा सकेगा। पार्क के ढिकाला समेत सभी जोन के वन विश्रामगृह पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। कॉर्बेट प्रशासन ने भी पर्यटकों के स्वागत की तैयारी पूरी कर ली है। पहले ही दिन सभी 34 कक्ष एवं आठ डॉरमेट्री के लिए बुकिंग फुल हो गई। एक कक्ष में तीन पर्यटक तक ठहर सकते हैं। ऐसे में कुल करीब नब्बे से सौ पर्यटक रात्रि विश्राम एक दिन में कर सकेंगे। इससे पर्यटन कारोबारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं।
कॉर्बेट पार्क के ढिकाला,बिजरानी,झिरना,ढेला जोन में बने कक्षों में नाइट स्टे हर साल 15 जून से मानसून के चलते पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। पहले नाइट स्टे 15 नवंबर से ढिकाला जोन के खुलने के साथ ही शुरू हो जाता था। लेकिन इस बार हाईकोर्ट व विभागीय पेंच फंसने के कारण इसके खुलने को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। बहरहाल समस्या का समाधान करने के बाद कॉर्बेट प्रशासन ने इसे एक सप्ताह देरी से पर्यटकों के लिए खोल दिया।
20 नवंबर से शुरू हुई बुकिंग
कॉर्बेट प्रशासन ने 20 नवंबर से ऑनलाइन बुकिंग के लिए विभागीय वेबसाइट कॉर्बेट ऑनलाइन.यूके.जीओवी.इन खोल दी है। साइट खुलते ही पर्यटकों ने रात्रि विश्राम आरक्षित करने शुरू कर दिए। फिलहाल नाइट स्टे की बुकिंग 15 दिसंबर तक के लिए ही की जा सकती है। नाइट स्टे खुलने पर जिप्सी चालक, मालिक,होटल कारोबारी भी खुश हैं। नये पर्यटकों का स्वागत करने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। कक्षों में साफ सफाई कराने के साथ अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त करा दी गई हैं।
सभी जोन में मिलेगी सुविधा
ढिकाला जोन खुलने के साथ ही अब ढिकाला, बिजरानी, झिरना, ढेला, सुल्तान, दुर्गादेवी में रात्रि विश्राम की सुविधा पर्यटकों को मिल सकेगी। पहले ढिकाला को छोड़कर अन्य सभी जोन में पर्यटकों को डे विजिट की ही अनुमति थी। अब डे विजिट के साथ ही रात्रि विश्राम की सुविधा भी पर्यटकों को मिल सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर खुला ढिकाला
हाईकोर्ट के आदेश के चलते कॉर्बेट में रात्रि विश्राम पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसी साल चार सितंबर को कॉर्बेट पार्क के ढिकाला जोन में जिप्सी एवं पर्यटकों का दबाव कम करने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे। साथ ही राष्ट्रीय संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट देने को कहा था।
एनटीसीए की तीन सदस्यीय टीम ने कॉर्बेट पार्क का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी। 13 नवंबर को होने वाली सुनवाई में एनटीसीए को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। जिसके आधार पर ही रामनगर में पर्यटन के भविष्य को लेकर फैसला होना था,लेकिन वह सुनवाई टल गई। हाईकोर्ट के इस फैसले से पर्यटन कारोबारियों में बेचैनी भी थी। इस दौरान हाईकोर्ट के दिए गए फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को स्थगित कर दिया। इसी आधार पर पर्यटन कारोबारियों ने कॉर्बेट प्रशासन पर ढिकाला खोलने के लिए दबाव बनाया। इस पर शासन के अपर सचिव सुभाष चंद्र ने कॉर्बेट के निदेशक को पत्र भेजकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय स्थगित कर दिया है। लिहाजा ढिकाला जोन में वाहनों के प्रवेश व रात्रि विश्राम बहाल कर दिए गए हैं।
हाईकोर्ट ने इसलिए जिप्सियों के प्रवेश पर लगाया था प्रतिबंध
पर्यटकों की असीमित जिप्सियों के भ्रमण के कारण कार्बेट पार्क के वन्य जीवों के आराम में खलल पड़ता था। इसे देखते हुए हाई कोर्ट ने वाहनों का दबाव कम करने के लिए जिप्सियों की संख्या निर्धारित करने के आदेश दिए थे। इसके तहत 10-10 जिप्सियों के प्रवेश की अनुमति के आदेश दे दिए गए थे।
प्रतिबंध के विरोध में जिप्सी स्वामी, चालक, गाइड व होटल कारोबारियों ने पिछले दिनों जोरदार प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि पर्यटन गतिविधियां बंद हाने के कारण उनके समक्ष बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है। दबाव पड़ा तो पिछले दिनों विधायक दीवान सिंह बिष्टï ने रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ सुभाष चंद्रा से उनके कार्यालय में मुलाकात की। वार्ता के बाद डीएफओ ने सीतावनी जोन खोलने के आदेश कर दिए।