आतंकी फंडिंग में पाकिस्तान को लेटर्स रोगेटरी भेजेगी एनआइए
जकीरुल्ला पाकिस्तान से हुर्रियत और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की वेबसाइट के जरिये भारत विरोधी मुहिम चलाता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अब सीधे पाकिस्तान को लपेटने की तैयारी है। इस मामले में वह पाकिस्तान को लेटर्स रोगेटरी (एलआर-यानी न्यायिक अनुरोध पत्र) भेजेगी। इसके लिए जल्द ही संबंधित न्यायालय में एलआर हासिल करने हेतु अर्जी दाखिल की जाएगी। इसके जरिये एनआइए हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के पाकिस्तानी गुर्गे जकीरुल्ला सहित कुछ अन्य लोगों के बारे में जानकारी मांगेंगी। जकीरुल्ला पाकिस्तान से हुर्रियत और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की वेबसाइट के जरिये भारत विरोधी मुहिम चलाता है।
अधिकारियों का कहना है कि टेरर फंडिंग मामले में 12,794 पेज की चार्जशीट दाखिल करने के बाद एनआइए जल्द ही अदालत से पाकिस्तान को भेजे जाने के लिए लेटर्स रोगेटरी हासिल करेगी। एक बार कोर्ट एलआर जारी कर देगा, फिर विदेश मंत्रालय के अनुमोदन के बाद उसे कूटनीतिक चैनल के जरिये पाकिस्तान को भेज दिया जाएगा। किसी मामले में एलआर एक राष्ट्र की अदालत द्वारा दूसरे मुल्क के कोर्ट को भेजा गया न्यायिक अनुरोध पत्र है। हालांकि पाकिस्तान कभी भी इस तरह के अनुरोध पत्रों का जवाब नहीं देता है। उसने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान अपहरण और पठानकोट एयरबेस हमला सहित अन्य आतंकी वारदातों को लेकर भेजे गए लेटर्स रोगेटरी का कोई जवाब नहीं दिया।
एनआइए अधिकारियों का कहना है कि रावलपिंडी निवासी जकीरुल्ला ने ही तहरीक-ए-हुर्रियत और हिजबुल की वेबसाइट को डिजाइन की है। वह उन्हें लगातार अपडेट भी करता रहता है। 2016 में कश्मीर घाटी में हिंसा के दौरान पूरे साल वह इन वेबसाइटों के जरिये भारत के विरोध में लगातार जहर उगलता रहा। हुर्रियत और हिजबुल की वेबसाइट पर दिया गया मोबाइल नंबर भी जकीरुल्ला का ही है। एलआर के माध्यम से पाकिस्तान से इस बात की पुष्टि कराई जाएगी। इसके अलावा एनआइए ने कुछ अन्य लोगों की भी शिनाख्त की है, जो कश्मीरी आतंकियों के लिए फंड जुटाने के वास्ते पाक सरकार व आइएसआइ के लगातार संपर्क में रहते हैं। उनके बारे में भी जानकारी मांगी जाएगी। अपनी चार्जशीट में एनआइए ने लश्कर संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल सरगना सैयद सलाहुद्दीन के साथ कश्मीर घाटी के सात अलगाववादी नेताओं को भी आरोपी बनाया है।