2016 में हुए पठानकोट एयरबेस हमले की जांच करने वाले एनआइए अधिकारी का निधन
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) में रहने के दौरान उन्होंने 2016 में पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले की जांच का नेतृत्व किया था। वह 61 वर्ष के थे। वह इसी साल फरवरी में सेवानिवृत्त हुए थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी संजीव कुमार सिंह का निधन हो गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) में रहने के दौरान उन्होंने 2016 में पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले की जांच का नेतृत्व किया था। वह 61 वर्ष के थे। वह इसी साल फरवरी में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने एनआइए में सात वर्षो तक काम किया था। 1987 बैच और मध्य प्रदेश कैडर के आइपीएस अधिकारी सिंह ने शुक्रवार को गुरुग्राम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
जांच एजेंसी में उनके पूर्व सहयोगी और असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने उनके निधन के बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, एक खराब दिन। 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी संजीव कुमार सिंह का डेंगू से निधन हो गया। एनआइए में मेरे परामर्शदाता हमेशा मेरे विचारों में रहेंगे। उनकी आत्मा को शांति मिले। सिंह के निधन पर एनआइए ने भी शोक प्रकट किया है।
कैेसे हुआ हमला ?
जनवरी 2016 को पठानकोट में चार आतंकियों ने हमला किया था। इसमें सात जवान शहीद हुए थे जबकि एक नागरिक भी उनका शिकार बन गया था। चारों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। ये सभी पाकिस्तान से भेजे गए थे। इसके बाद 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उड़ी में स्थित सैन्य ठिकाने पर आतंकियों ने हमला बोला था। चार आतंकी सेना के कैंप में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें 19 जवान शहीद हो गए थे।
उस दौरान छह आतंकी भी मारे गए थे। 29 नवंबर 2016 को नगरोटा में फिदाइन दस्ते ने हमला किया। इसमें दो अफसरों समेत सेना के सात जवाोन मारे गए थे। तीनों हमलावरों को मार गिराने के साथ सेना ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को भी मार गिराया था।
उरी पर भी हुआ हमला
उरी में सेना के कैंप पर पांच दिसंबर 2015 को भी आतंकी हमला हुआ था। इसमें कुल मिलाकर 18 जवान मारे गए थे। उस दौरान छह आतंकी भी मारे गए थे। 29 नवंबर 2016 को नगरोटा में फिदाइन दस्ते ने हमला किया। इसमें दो अफसरों समेत सेना के सात जवान मारे गए थे। तीनों हमलावरों को मार गिराने के साथ सेना ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को भी मार गिराया था।