Kanhaiya Lal murder case: NIA ने की नौवीं गिरफ्तारी, जून में हुई थी दर्जी की निर्मम हत्या
राजस्थान के उदयपुर में जून महीने में ही एक दर्जी के दुकान में घुसकर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई इस मामले में अब तक एनआइए ने नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी का कहना है कि मामले में अंतरराष्ट्रीय लिंक और आतंकी लिंक की पड़ताल जारी है।
नई दिल्ली, एजेंसी। राजस्थान के उदयपुर में हुई दर्जी की क्रूर हत्या मामले में शुक्रवार को एक और गिरफ्तारी हुई है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency, NIA) ने मर्डर के साजिश करने वाले मुस्लिम खान को पकड़ लिया है। एजेंसी ने बताया कि 41 वर्षीय खान उर्फ मुस्लिम रजा को गिरफ्तार कर लिया है जो राजस्थान के प्रतापगढ़ का रहने वाला है। एजेंसी का कहना है कि पूरे हत्या कांड का साजिश रचने में इसकी अहम भूमिका थी। मामले में 29 जून से ही NIA जांच कर रही है। 21 जुलाई को पुलिस ने मोहम्मद जावेद को पकड़ा था जो खेराीवाला के सिंधी सरकार की हवेली का निवासी है।
28 जून को हुई थी दर्जी की हत्या
दर्जी कन्हैैैयालाल की हत्या 28 जून को उनके ही दुकान पर धारदार हथियार से की गई। इस दर्दनाक हमले को करने वाले रियाज अख्तरी का मोबाइल फोन में वीडियो रिकार्ड कर गौस मोहम्मद ने आनलाइन पोस्ट कर दिया गया। एक अन्य वीडियो में दोनों ने कहा है कि दर्जी की हत्या उन्होंने इस्लाम का अपमान करने के एवज में लिया। हत्या के कुछ ही घंटों बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
आतंकी लिंक होने का संदेह
NIA ने बताया कि इस हत्या के जरिए दोनों देश भर में आतंक को भड़काना चाहते थे।दोनों ने आनलाइन वीडियो पोस्ट कर घटना की जिम्मेवारी ली और प्रधानमंत्री मोदी को धमकी भी दी। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी मामले की पड़ताल कर रही है कि कहीं ये आतंकी तो नहींं।
इससे पहले की जांच मेंं खुलासा हुआ कि कन्हैयालाल के हत्यारे मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद राजस्थान व हरियाणा के मेवात इलाकों में भी अपनी टीम तैयार करने में जुटे थे। दोनों हत्यारे मेवात में कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी से युवाओं को जोड़ रहे थे। रियाज राजस्थान में भरतपुर और अलवर के साथ ही हरियाणा के नूंह की मस्जिदों में जाकर युवाओं को कट्टरता के प्रति जागरूक करता था। प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रियाज और गौस गरीब मुस्लिम युवाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करते थे। दोनों मौलवियों को कट्टरता की शिक्षा देने के लिए प्रेरित करते थे।