Kolhe Case के आरोपियों पर कसा NIA का शिकंजा, अमित शाह ने दिए निर्देश- नहीं बचना चाहिए उदयपुर और अमरावती हत्याकांड का कोई गुनहगार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनआइए को सख्त निर्देश दिए हैं कि उदयपुर और अमरावती हत्याकांड कोई गुनहगार बचना नहीं चाहिए। शाह ने कहा कि जांच एजेंसियां कट्टरपंथ और आतंकी घटनाओं से सख्ती से निपटें। पढ़ें यह रिपोर्ट...
नीलू रंजन, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कट्टरपंथी और आतंकी घटनाओं से एजेंसियों को कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया है। एनआइए के नवनियुक्त महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने सोमवार को अमित शाह को उदयपुर और अमरावती हत्याकांड की जांच की प्रगति से अवगत कराया। गृह मंत्री अमित शाह ने दिनकर गुप्ता से कहा कि जांच एजेंसी को इन घटनाओं की गहरी साजिश का पर्दाफाश करना चाहिए। इनमें शामिल हर आरोपित को कानून के कठघरे में खड़ा करना चाहिए। लगभग 35 मिनट तक चली मुलाकात को औपचारिक बताया जा रहा है।
कोल्हे हत्याकांड के आरोपियों पर कसा शिकंजा
उधर एनआइए ने उमेश कोल्हे हत्याकांड की जांच अपने हाथ में ले ली है। एनआइए ने स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों को अपनी हिरासत में ले लिया है। आठ जुलाई को इन सभी को मुंबई स्थित विशेष एनआइए अदालत में पेश किया जा सकता है।
हत्याकांडों की जांच को लेकर गृह मंत्रालय गंभीर
अमरावती हत्याकांड के पीछे भी नुपुर शर्मा को समर्थन की वजह सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने तत्काल इसकी भी जांच एनआइए को सौंप दी थी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार इन हत्याकांडों की जांच को लेकर गंभीर है और इसकी साजिश का पूरा पर्दाफाश करने के पक्ष में है। दिनकर गुप्ता ने अमरावती और उदयपुर की घटना के बीच संबंध के बारे में पूछे जाने पर चुप्पी साध ली।
बर्बर घटनाओं के बीच संबंध साबित होने से बढ़ेगी एजेंसियों की चुनौती
- अमरावती-उदयपुर हत्याकांड में कोई संबंध साबित होता है, तो सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ जाएगी।
- इंडियन मुजाहिदीन के सफाए के बाद एक दशक से कोई देशव्यापी आतंकी संगठन सक्रिय नहीं है।
- दोनों बर्बर घटनाओं के बीच संबंध सामने आने से सुरक्षा एजेंसियों का यह दावा गलत साबित हो जाएगा।
कोई आरोपित नहीं बचेगा
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, गुप्ता ने अमरावती और उदयपुर हत्याकांड में जांच की प्रगति की जानकारी भी दी। अमित शाह ने गुप्ता को स्पष्ट निर्देश दिया कि जांच एजेंसी को इन दोनों बर्बर घटनाओं की पूरी साजिश का पता लगाना चाहिए। इनमें शामिल कोई भी आरोपित बचना नहीं चाहिए। गृह मंत्रालय ने पिछले हफ्ते उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के 24 घंटे के भीतर एनआइए को इसकी जांच का निर्देश दिया था।
स्थानीय आतंकियों का हाथ होने की आशंका
- उदयपुर हत्याकांड की शुरुआती जांच के बाद एनआइए ने आतंकी विचारधारा से प्रेरित स्थानीय गिरोह का हाथ होने की आशंका जताई है। इसमें हत्या करने वाले आरोपितों के अलावा कई समर्थक शामिल हो सकते हैं।
- अमरावती हत्याकांड में भी ऐसे ही स्थानीय आतंकी गिरोह का हाथ हो सकता है। अभी तक जांच में एनआइए को इन हत्याकांडों में किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन की सीधी भागीदारी के सुबूत नहीं मिले हैं।
अलकायदा ने की थी बदला लेने की अपील
अलकायदा ने नुपुर शर्मा के बयान के बाद इसका बदला लेने की अपील की थी। अलकायदा ने सीधे बदला लेने के बजाय भारत के कट्टरपंथियों को इसके लिए आगे आने को कहा था। माना जा रहा है कि देश के विभिन्न हिस्से में अलकायदा की विचारधारा से प्रेरित होकर स्थानीय गिरोह ने हत्याकांड को अंजाम दिया है।