पराली संकट से निपटने के लिए एनजीटी ने चार राज्यों के मुख्य सचिव को किया तलब
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सोमवार को कहा कि पराली जलाने के मामले में ठोस और प्रभावी उपाय करने होंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सोमवार को कहा कि पराली जलाने के मामले में ठोस और प्रभावी उपाय करने होंगे। इसी मसले पर उसने दिल्ली समेत चार राज्यों के मुख्य सचिवों को 15 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार चाहे तो इस मुद्दे पर उसी दिन या किसी अन्य दिन बैठक बुलाए।
एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय कृषि सचिव और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली के मुख्य सचिवों को 15 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इससे पहले राज्यों को पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्ययोजना पूरी ईमानदारी और तत्परता से अमल में लानी होगी।
पीठ ने कहा कि सरकार ने 'राष्ट्रीय फसल अवशेष प्रबंधन नीति-2014' नामक योजना बनाई थी। इसके तहत किसानों को तकनीकी और मशीनी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी थीं, जिससे किसान पराली न जलाएं। हालांकि, इस दिशा में कदम उठाए गए, लेकिन समस्या अब भी बरकरार है।
पीठ ने टिप्पणी की, 'हमें किसी राज्य या केंद्र सरकार की आलोचना नहीं करनी है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के शपथ-पत्रों का अवलोकन किया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट को भी देखा है। यह भी सच है कि समस्या से सही तरीके से नहीं निपटा गया और इसका प्रतिकूल प्रभाव हवा और लोगों के स्वास्थ्य पर निर्विवाद रूप से पड़ रहा है।'