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एनजीटी ने कहा, सशस्त्र बलों के अभियान से निकले कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन है जरूरी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि सेना के हथियारों घरेलू औद्योगिक जैविक अस्पतालों और इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाना चाहिए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 11:07 PM (IST)
जन स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पर्यावरण के हित को ध्यान में रखा जाए

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि जन स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पर्यावरण के हित को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों के अभियान के दौरान निकलने वाले गोला-बारूद एवं अन्य कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि सेना के हथियारों, घरेलू, औद्योगिक, जैविक, अस्पतालों और इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि अधिकारी हर स्तर पर पर्यावरण के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे, जिसमें वैधानिक नियमों के अनुसार जैविक, घरेलू, ठोस, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक कचरे का निपटारा शामिल है।'

इससे पहले एनजीटी ने सशस्त्र बलों को वैज्ञानिक तरीके से कचरे का प्रबंधन करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ बैठक करके निगरानी तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया था।

अधिकरण अनिल चोपड़ा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जोकि सेवानिवृत्त एयर मार्शल हैं।


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