अवैध बोरवेल के खिलाफ NGT सख्त, DPCC को तत्काल कार्रवाई का निर्देश
दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 19154 अवैध बोरवेल हैं जिनमें से 2630 को सील कर दिया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली में अवैध रूप से चल रहे बोरवेलों (Illegal Bore Wells) के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) सख्त हो गया है। इसको लेकर एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को निर्देश दिया है कि वह संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध बोरवेलों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करे ताकि भूजल (Groundwater) को बचाया जा सके।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (Justice Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कार्रवाई के तहत अवैध बोरवेल को बंद किया जाएगा, ऑपरेटरों पर मुकदमा चलाया जाएगा और उनसे मुआवजा भी वसूला जाएगा। पीठ ने कहा, 'डीपीसीसी या तो सीधे कार्रवाई कर सकती है या डीएम / एसडीएम के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर सकती है कि अवैध बोरवेलों के संचालन के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।'
ट्रिब्यूनल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 19,154 अवैध बोरवेल हैं जिनमें से 2,630 को सील कर दिया गया है। डीजेबी ने एनजीटी को बताया कि सीलिंग की कार्रवाई जिलाधिकारियों को करनी है।
डीपीसीसी ने ट्रिब्यूनल को बताया कि ट्यूब वैल के अवैध संचालन के लिए मुआवजे का आकलन किया गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि 19,154 अवैध बोरवेल हैं और कहा जाता है कि 2,630 के खिलाफ कार्रवाई की गई है, लेकिन 16,524 अवैध बोरवेलों के खिलाफ कार्रवाई की स्थिति ज्ञात नहीं है। केवल यह दलील दी गई है कि इस तरह की कार्रवाई संबंधित डीएम द्वारा की जानी है।
एनजीटी ने डीपीसीसी को ई-मेल द्वारा आगे की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और कहा कि इस मामले को दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा देखा जा सकता है।
ट्रिब्यूनल अब्दुल फारुख द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि छतरपुर के चंदन हल गांव में सरकारी ट्यूब वैल से अवैध तरीके से पानी निकाल कर निजी टैंकर मालिकों द्वारा बेचा जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी, लेकिन ये समस्या अभी भी जारी है।