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एनजीटी ने कहा- स्कूलों से होने वाले प्रदूषण को रोके सरकार

एनजीटी ने आठ सप्ताह के अंदर मंत्रालय से ई-मेल के माध्यम से एक अनुपालन रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 09:02 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 09:02 PM (IST)
एनजीटी ने कहा- स्कूलों से होने वाले प्रदूषण को रोके सरकार
एनजीटी ने कहा- स्कूलों से होने वाले प्रदूषण को रोके सरकार

नई दिल्ली [प्रेट्र]। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने शिक्षण संस्थाओं से होने वाले ध्वनि और वायु प्रदूषण को रोकने का सरकार को आदेश जारी किया है। इस संबंध में एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय से एक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए भी कहा है। एनजीटी ने आठ सप्ताह के अंदर मंत्रालय से ई-मेल के माध्यम से एक अनुपालन रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

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एनजीटी ने मेरठ निवासी मनोज चौधरी की याचिका पर उपरोक्त निर्देश दिया। मनोज का आरोप है कि मेरठ मिशन कंपाउंड में उनका घर है। इसके आसपास नौ स्कूल हैं, जो पिछले 10 सालों से डीजल जनरेटर का उपयोग करते हुए वायु और ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। इससे आस-पड़ोस के लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में पर्यावरण मंत्रालय के सचिव राज्य या केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के शिक्षा विभागों से बात करें और यहां होने वाले प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर दिशा-निर्देश जारी करें।

दरअसल, राज्य प्रदूषण बोर्ड ने 29 जनवरी को मेरठ के एलआरए किड्स स्कूल, जेपी एकेडमी स्कूल, लिटिल स्कॉलर कोल्टस स्कूल और शिवालिक पब्लिक स्कूल का निरीक्षण किया था और एक रिपोर्ट तैयार की थी। बोर्ड ने मेरठ विकास प्राधिकरण को एक पत्र भेज निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करने को कहा था। उधर, निरीक्षण रिपोर्ट को देखने के बाद एनजीटी ने कहा, इसे देख कोई कारण समझ में नहीं आता है कि आखिर क्यों प्राधिकरण ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की। खंडपीठ ने प्राधिकरण को कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं।


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