एनजीटी ने पूछाः देसी गायों की सुरक्षा के लिए क्या कर रही सरकारें ?
यही नहीं गायों की सुरक्षा के मद्देनजर बनाई गई नीति बताने को भी कहा गया है।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने पूरे देश में देसी गायों की कम होती संख्या पर चिंता जताते हुए सभी राज्यों से पांच साल का ब्योरा मांगा है। यही नहीं गायों की सुरक्षा के मद्देनजर बनाई गई नीति बताने को भी कहा गया है।
यह आदेश अधिवक्ता अश्विनी कुमार की उस याचिका पर दिया गया है, जिसमें देश में देसी गायों के अस्तित्व पर संकट बताने के साथ इनकी जगह अमेरिका, आस्ट्रेलिया और यूरोप की संकर प्रजाति की गायों को लाने का दावा किया गया था।
न्यायाधीश जावेद रहीम और राघवेंद्र एस. राठौड़ की पीठ ने सभी राज्यों से देसी गायों की गणना करने और इनको उपलब्ध कराई जाने वाली चिकित्सा संबंधी जानकारी देने को भी कहा है। पीठ ने राज्यों को यह भी बताने को कहा है कि क्या उन्होंने देसी गायों की सुरक्षा के लिए कोई नीति या प्रणाली विकसित की है। या स्थानीय स्तर पर ऐसा कोई कानून है, जो देसी गायों को वध होने से बचा सके।
इससे पहले पूरे देश में पशुओं के वध पर रोक लगाने वाली याचिका पर न्यायाधिकरण ने कृषि मंत्रालय को भी नोटिस जारी किया था। गौरतलब है कि केरल में वर्ष 2003 से 2012 के दौरान देसी गायों की संख्या में लगभग 80 फीसद की गिरावट दर्ज करने की खबर पर एनजीटी ने कहा था कि अगर यही हाल रहा तो राज्य में इस प्रजाति की गायें पूरी तरह खत्म हो जाएंगी।