राहत नहीं मिली तो अखबार उद्योग को हो सकता है 15 हजार करोड़ का नुकसान
आइएनएस प्रेसीडेंट शैलेष गुप्त के पत्र के मुताबिक समाचार पत्र उद्योग को पिछले दो महीने में 4000-4500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आइएनएस) ने सरकार से समाचार पत्र उद्योग को मजबूत प्रोत्साहन पैकेज देने का अनुरोध किया है। आइएनएस का कहना है कि समाचार पत्र उद्योग को पहले ही चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है और अगर राहत नहीं दी गई तो अगले छह-सात महीनों में 15 हजार करोड़ रुपये का और नुकसान हो सकता है।
सूचना एवं प्रसारण सचिव को लिखे पत्र में आइएनएस ने कहा है कि समाचार पत्र उद्योग भारत में लॉकडाउन के कारण सर्वाधिक प्रभावित उद्योगों में शुमार है। आइएनएस प्रेसीडेंट शैलेष गुप्त के पत्र के मुताबिक, 'समाचार पत्र उद्योग को पिछले दो महीने में 4,000-4,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप हो चुकी हैं और निजी क्षेत्र से विज्ञापन की कोई संभावना नहीं है। लिहाजा अगर सरकार की ओर से जल्द से जल्द मजबूत प्रोत्साहन अमल में नहीं लाया गया तो अगले छह-सात महीनों (अनुमानत: अगले छह-सात महीनों में 12,000-15,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान) में इसी दर से नुकसान जारी रहने की संभावना है।'
आइएनएस ने सरकार से न्यूजप्रिंट पर पांच फीसद का सीमा शुल्क भी वापस लेने का अनुरोध किया है। 800 से ज्यादा समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले आइएनएस का कहना है कि पहले ही हो चुके नुकसान का समाचार पत्र उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े 30 लाख कामगारों और कर्मचारियों पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ा है।
20 अप्रैल को लिखे पत्र के मुताबिक, 'पिछले कुछ हफ्तों से उपरोक्त बड़े नुकसानों और नकदी का प्रवाह रुकने से समाचार पत्र प्रतिष्ठानों को अपने कर्मचारियों को वेतन और विक्रेताओं को उनका भुगतान करने में काफी मुश्किल हो रही है। प्रकाशक की कुल लागत में न्यूजप्रिंट की हिस्सा 40 से 60 फीसद तक होता है। न्यूजप्रिंट से पांच फीसद का सीमा शुल्क हटाने से घरेलू उत्पादकों या किसी भी मेक इन इंडिया अभियान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।'
आइएनएस ने सरकार से समाचार पत्र प्रतिष्ठानों को दो साल का टैक्स हॉलीडे उपलब्ध कराने, ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (बीओसी) की विज्ञापन दरों में 50 फीसद की बढ़ोतरी और प्रिंट मीडिया के लिए बजट में सौ फीसद की बढ़ोतरी करने का अनुरोध भी किया है।