सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बारूद में लिपटा पत्र भेजने के मामले में आया नया मोड़
एटीएस की पूछताछ में डॉ. अब्दुल रहमान ने पूछताछ में एटीएस को बताया था कि उसका अपने भाई हफीज उर रहमान और मां नासेहा बेगम से विवाद चल रहा है।
जबलपुर, राज्य ब्यूरो। भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बारूद में लिपटा धमकी भरा पत्र भेजने के मामले में नया मोड़ आ गया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष नादेड़ (महाराष्ट्र) के आरोपित एक डॉक्टर ने जमानत अर्जी पेश की है। इसमें कहा गया कि उसके भाई ने उसे फंसाने के लिए भोपाल की भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बारूद में लिपटा धमकी भरा पत्र लिखा था। वह बेगुनाह है, इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाए। न्यायमूर्ति सुजय पॉल की एकलपीठ ने आवेदन पर गौर करने के बाद पुलिस से केस डायरी तलब कर ली है। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है
नादेड़ के डॉक्टर ने हाई कोर्ट में पेश जमानत अर्जी में दी सफाई
राज्य शासन की ओर से अवगत कराया गया कि 13 जनवरी 2020 को सांसद प्रज्ञा ठाकुर के भोपाल स्थित बंगले पर धमकी भरा एक पत्र पहुंचा था। सांसद प्रज्ञा ने इसे आतंकी साजिश करार देते हुए अपनी जान को खतरा बताया था। मामले में एटीएस ने नादेड़ निवासी डॉक्टर अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था।
अपने भाई और मां से चल रहा है विवाद
डॉ. रहमान ने पूछताछ में एटीएस को बताया था कि उसका अपने भाई हफीज उर रहमान और मां नासेहा बेगम से विवाद चल रहा है। इसी विवाद के चलते भाई ने 2014 में उसके खिलाफ हत्या की कोशिश की एफआइआर दर्ज कराई थी। उस केस में रहमान को 18 दिन जेल में रहना पड़ा था। अपने भाई, मां, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से बदला लेने की नीयत से रहमान ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जगह-जगह धमकी भरे पत्र भेजे थे।
डॉ. सैयद अब्दुल रहमान ने पहला पत्र अंसार उल मुसलमीन संगठन के नाम से अपने भाई के कुलपति को सितंबर 2019 में भेजा था। जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद दूसरा पत्र नादेड़ के पुलिस अधीक्षक और डीएसपी को अगस्त 2019 में भेजा। इस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। तीसरा पत्र अक्टूबर 2019 में इंटरनेट पर सर्च कर जम्मू-कश्मीर के भाजपा नेता और सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भेजा।
विशेष कोर्ट ने खारिज की जमानत
प्रज्ञा ठाकुर को भेजे लिफाफे में आरोपित ने उर्दू भाषा का एक पत्र, भाई की मार्कशीट, अन्य दस्तावेज के साथ मां नासेहा बेगम का वोटर आइडी कार्ड भेजा था। पत्र के साथ जो पाउडर भेजा था, वह पटाखों में इस्तेमाल होने वाला बारूद था। अभी इस पाउडर की जांच रिपोर्ट एफएसएल से आई नहीं है। 19 जनवरी को भोपाल स्थित विशेष कोर्ट के समक्ष आरोपित की ओर से जमानत के लिए अर्जी दायर की गई, जो खारिज कर दी गई । इसी मामले में जमानत पाने के लिए आरोपित की ओर से हाई कोर्ट के समक्ष यह अर्जी पेश की गई है।