Move to Jagran APP

मोदी सरकार की नई टैरिफ नीति: यदि बिजली कटी, तो देशभर के ग्राहकों को मिलेगा हर्जाना

नई टैरिफ नीति के तहत अगले तीन वर्षो में देश के हर घर में बिजली कनेक्शन ग्राहक के घर में स्मार्ट मीटर लगाने का रास्ता भी साफ होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 10:33 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 01:49 AM (IST)
मोदी सरकार की नई टैरिफ नीति: यदि बिजली कटी, तो देशभर के ग्राहकों को मिलेगा हर्जाना
मोदी सरकार की नई टैरिफ नीति: यदि बिजली कटी, तो देशभर के ग्राहकों को मिलेगा हर्जाना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम बजट में कुछ अहम सुधारों की घोषणा के बाद सरकार की नजर बिजली क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने की है। इसमें सबसे पहले नई टैरिफ नीति का कैबिनेट नोट सभी संबंधी मंत्रालयों को भेज दिया गया है, जिस पर अगले एक पखवाड़े के भीतर फैसला होने की उम्मीद है। नई टैरिफ नीति से देशभर में ग्राहकों को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

loksabha election banner

बिजली आपूर्ति बाधित होने पर ग्राहकों को उसका हर्जाना दिलाने की व्यवस्था भी इसमें होगी। इसके अलावा बिजली चोरी नहीं रोक पाने वाली बिजली वितरण कंपनियों पर जुर्माना लगाने की व्यवस्था भी इसमें है। हर गांव और हर घर को बिजली से जोड़ने के बाद नई टैरिफ नीति को बिजली क्षेत्र में सुधार का सबसे अहम कदम माना जा रहा है।

बिजली मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक नई शुल्क नीति देश में बिजली सब्सिडी देने की व्यवस्था को भी देखेगी। इसमें यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है कि अब जो भी बिजली सब्सिडी दी जाए वह ग्राहक को सिर्फ सीधे बैंक खाते में डालने की डीबीटी योजना के तहत दी जाएगी। इसके लिए राज्यों को एक वर्ष के भीतर बिजली से सिंचाई करने वाले किसानों का रिकॉर्ड और बैंक अकाउंट्स का विवरण तैयार करना होगा, ताकि अगले वित्त वर्ष से सीधे उनके खाते में ही बिजली सब्सिडी जाए।

नई टैरिफ नीति के तहत अगले तीन वर्षो में देश के हर घर में बिजली कनेक्शन, ग्राहक के घर में स्मार्ट मीटर लगाने का रास्ता भी साफ होगा। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकारें अपने स्तर पर कोशिश करेंगी। मसलन ग्राहकों को बेहद आसान किस्तों पर स्मार्ट मीटर दिलाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियों को हर कीमत पर ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन (टीएंडडी) हानि को घटाकर 15 फीसद पर लाना होगा। ऐसे में बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को काफी प्रयास करने होंगे क्योंकि इन दोनो राज्यों में टीएंडडी से होने वाली हानि का स्तर काफी ज्यादा है।

जिन राज्यों में बिजली की हानि 15 फीसद से ज्यादा है वहां की वितरण कंपनियों को भारी घाटा उठाना पड़ सकता है क्योंकि नए कानून में उनके लिए बिजली की लागत तय करने में सिर्फ उतनी ही बिजली को जोड़ने की अनुमति होगी जितनी आपूर्ति की गई है।

अभी टीएंडडी से होने वाली हानि को भी बिजली की पूरी कीमत तय करने में जोड़ा जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग बिजली की चोरी करते हैं उसका भार उन ग्राहकों पर पड़ता है जो बिजली की बिल की अदाएगी करते हैं। नया नियम बिजली वितरण कंपनियों पर ही जुर्माना लगाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.