नई सरेंडर नीति से नक्सलवाद के सफाए में मदद : रमन सिंह
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की नई सरेंडर पॉलिसी नक्सलियों को तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
श्याम सिंह तोमर, नई दिल्ली। नक्सली घटनाओं को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की नई सरेंडर पॉलिसी नक्सलियों को तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2016 में करीब 1216 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इस साल मई तक करीब 226 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
डॉ सिंह ने जागरण राउंड टेबल में बताया कि नई नीति से नक्सलवाद के सफाए में काफी मदद मिल रही है। नक्सलियों के आत्मसमर्पण में तेजी आई है। इस नीति के तहत सरकार कैडर के आधार पर एक करोड़ रुपये तक की राशि दे रही है। साथ ही सभी सरकारी योजनाओं का लाभ भी उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार ने नक्सलियों के मौलिक अधिकार का भी ख्याल किया है। आत्मसमर्पण के बाद अगर कोई नक्सली बनने के दौरान हुई नसबंदी को खुलवाना चाहता है, तो उसका पूरा खर्च सरकार उठा रही है। यह नियम देश के अधिकांश राज्यों की सरेंडर पॉलिसी में शामिल नहीं है।
आत्मसमर्पण करने पर सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो सदस्यों को एक करोड़ तथा छोटे कैडर को एक लाख रुपये तक की राशि दी जाती है। वहीं, हथियार के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए स्किल डेवलपमेंट के कोर्स कराकर तीन महीने में ट्रेंड किया जा रहा है। इस दौरान चार हजार रुपये प्रति माह भत्ता भी दिया जा रहा है। कृषि योग्य भूमि और मकान बनाकर दिया जा रहा है। शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए उनको नौकरी भी दी जा रही है। आत्मसमर्पण करने के बाद खाद्यान्न योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना सहित सभी सरकारी योजनाओं का मुफ्त में लाभ भी दिया जा रहा है। नक्सलियों के खिलाफ कोर्ट में जो मामले हैं, उसे निपटाने में सरकार की तरफ से विशेष प्रयास किया जाएगा।
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पिछले तीन साल में जोड़े ये नियम
तीन साल पहले तक प्रदेश में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सभी सरकारी सुविधाएं नहीं मिलती थी। अच्छे आचरण को देखकर नौकरी और अन्य प्रावधान शामिल नहीं थे। मकान और रोजगार के अवसरों को शामिल करने से बदलाव आया है। आत्मसमर्पण करने वालों को मिलने वाली राशि को दस से बीस गुना तक बढ़ाया गया है।
हथियार लेकर आने वाले नक्सलियों को इस तरह मिलता है इनाम
-एलएमजी के साथ साढ़े चार लाख
-एके-47 के साथ तीन लाख
-एसएलआर रायफल डेढ़ लाख
-थ्री नाट थ्री के लिए 75 हजार
-वायरलेस सेट के लिए पांच हजार
-आइईडी और रिमोट डिवाइस के लिए तीन हजार
( डॉ. रमन सिंह का इंटरव्यू )