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French Air Force: भारत-फ्रांस के बीच सैन्य संबंधों के नए आयाम, फ्रांसीसी वायुसेना की टुकड़ी ने तमिलनाडु में लिया रणनीतिक ठहराव

French Air Force फ्रांसीसी वायुसेना की एक टुकड़ी ने प्रशांत महासागर में अपने महा सैन्य अभियान के तहत तमिलनाडु में भारतीय वायुसेना के सुलुर बेस पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठहराव लिया। इस टुकड़ी में तीन राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल थे।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 02:17 AM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 04:45 AM (IST)
French Air Force: भारत-फ्रांस के बीच सैन्य संबंधों के नए आयाम, फ्रांसीसी वायुसेना की टुकड़ी ने तमिलनाडु में लिया रणनीतिक ठहराव
फ्रांसीसी वायुसेना की टुकड़ी ने भारत में लिया रणनीतिक ठहराव

नई दिल्ली, एजेंसियां: फ्रांसीसी वायुसेना की एक टुकड़ी ने प्रशांत महासागर में अपने महा सैन्य अभियान के तहत तमिलनाडु में भारतीय वायुसेना के सुलुर बेस पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठहराव लिया। इस टुकड़ी में तीन राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल थे। फ्रांस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारतीय वायुसेना द्वारा फ्रांसीसी सेना को दी गई सहायता उस आपसी साजो-सामान संबंधी सहयोग समझौते के क्रियान्वयन को दर्शाती है जिस पर भारत और फ्रांस ने 2018 में सैन्य सहयोग बढ़ाने के मकसद से हस्ताक्षर किए थे।

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भारत भी होगा वायुसैनिक युद्धाभ्यास में हिस्सा

भारतीय वायुसेना के साथ सहयोग दोनों पक्षों के बीच उच्चस्तर के आपसी विश्वास और इंटर-आपरेबिलिटी को दर्शाता है। बयान के मुताबिक, फ्रांसीसी सेना 10 अगस्त से 18 सितंबर तक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लंबी दूरी के बड़े मिशन का आयोजन कर रही है जिसका कूट नाम पेगासे-22 है। इसके तहत फ्रांसीसी वायुसेना के विमानों ने 10 अगस्त की शाम को सुलुर बेस पर लैंड किया और ईंधन भरने के बाद 11 अगस्त की तड़के न्यू कैलेडोनिया के लिए उड़ान भरी। मिशन पेगासे-22 के बाद के चरण में फ्रांसीसी वायुसेना 17 अगस्त से 10 सितंबर तक आस्ट्रेलिया में होने वाले 'पिच ब्लैक' वायुसैनिक युद्धाभ्यास में हिस्सा लेगी। इस अभ्यास में इन दोनों देशों के अलावा भारत, जापान, अमेरिका, जर्मनी, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया की वायुसेनाएं भी हिस्सा लेंगी।

भारतीय वायुसेना की भूमिका को सराहा

फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनिन ने सफल ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि फ्रांस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक बड़ी शक्ति है। यह महत्वाकांक्षी लंबी दूरी की वायु शक्ति प्रक्षेपण क्षेत्र और हमारे भागीदारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि इस मिशन को अंजाम देने के लिए फ्रांस ने भारत पर भरोसा किया और इसे फ्रांस का एशिया में सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार माना जाना चाहिए।


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