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Indian Railways: एयरपोर्ट की तरह दिखेगा नई दिल्ली और मुंबई सीएसटी रेलवे स्टेशन, होगी ये सुविधाएं

फिर छिड़ी नई दिल्ली स्टेशन को व‌र्ल्ड क्लास बनाने की मुहिम। 6500 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए हांगकांग की कंपनी से परामर्श। जिसे रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथारिटी के जरिए कार्यान्वित किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 10:24 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 10:24 PM (IST)
Indian Railways: एयरपोर्ट की तरह दिखेगा नई दिल्ली और मुंबई सीएसटी रेलवे स्टेशन, होगी ये सुविधाएं
रेलवे स्टेशन नई दिल्ली को व‌र्ल्ड क्लास बनाने की मुहिम(फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की राजधानी के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन नई दिल्ली को व‌र्ल्ड क्लास बनाने की मुहिम एक बार फिर शुरू हुई है। इसके लिए हांगकांग की फर्म के साथ परामर्श कर 6500 करोड़ रुपये की योजना का प्रारूप तैयार किया गया है। जिसे रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथारिटी के जरिए कार्यान्वित किया जाएगा।

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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के साथ मुंबई सीएसटी स्टेशन को भी व‌र्ल्ड क्लास बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, जिनका ब्यौरा शीघ्र ही जारी किया जाएगा।

नई दिल्ली स्टेशन को इस प्रकार किया जाएगा विकास

सूत्रों के अनुसार नई दिल्ली स्टेशन का विकास इस प्रकार किया जाएगा कि जिससे ट्रेने पकड़ने और ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों का आपस में आमना-सामना न हो। इसके लिए आने और जाने वाली ट्रेनों को अलग-अलग फ्लोर लाने के इंतजाम किए जाएंगे। इस व्यवस्था से प्लेटफार्मो पर अनावश्यक भीड़ एकत्र होने व भगदड़ जैसे हालात पैदा होने का खतरा खत्म हो जाएगा। स्टेशन के ग्राउंड और फ‌र्स्ट प्लोर का उपयोग रेलवे ट्रेन संचालन के लिए करेगी। जबकि ऊपर की मंजिले प्राइवेट डेवलपर द्वारा मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल तथा आवासीय फ्लैट बनाने और उन्हें लीज पर उठाकर अपना खर्च निकालने तथा मुनाफा कमाने में इस्तेमाल की जा सकेंगी। मुनाफे का कुछ हिस्सा रेलवे को भी मिलेगा। इसके लिए रेलवे डेवलपर को 99 वर्ष की लीज पर जमीन उपलब्ध कराएगा। स्टेशन के आसपास अतिक्रमण तथा अवैध कब्जों को हटाने तथा आवासीय फ्लैट निर्माण को आसान बनाने के लिए रेलवे ने दिल्ली विकास प्राधिकरण के साथ पहले ही समझौता कर लिया है।

यातायात को रोके या डिस्टर्ब किए बगैर होगा निर्माण 

नई दिल्ली स्टेशन पर रोजाना साढ़े चार सौ ट्रेनों के अलावा चार लाख से ज्यादा यात्रियों का आना-जाना रहता है। इसलिए यहां यातायात को रोके या डिस्टर्ब किए बगैर निर्माण कार्य करना एक बड़ी चुनौती है। इसलिए इसे दो-दो यार्ड व प्लेटफार्मो को बंद कर किया जाएगा। पहले चरण में 110 एकड़ जमीन पर कार्य शुरू किया जाएगा, जिसमें सभी प्लेटफार्मो के ऊपर (फुट ओवरब्रिज के स्तर पर) एक विशेष मैजनीन तल बनाया जाएगा। ट्रेन पकड़ने आने वाले यात्री बाहर से सीधे इसी तल पर पहुंचेंगे और ट्रेन आने पर भूतल स्थित प्लेटफार्मो पर पहुंचेंगे। जबकि ट्रेनों से उतरने वाले यात्री भूतल से पहले इस तल पर आएंगे और फिर विभिन्न निकास द्वारों के जरिए स्टेशन से बाहर निकलेंगे।

लालू प्रसाद यादव के समय बना था मसौदा लेकिन नहीं हो सका कार्य

गौरतलब है कि नई दिल्ली स्टेशन के विकास का मसौदा 2008-09 में भी बना था, जब लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे। लेकिन स्टेशन के आसपास धार्मिक स्थल, झुग्गी बस्ती आदि को हटाने में अड़चनों के कारण यूपीए के दूसरे कार्यकाल में भी परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका थी। यहां तक कि मोदी सरकार ने भी पिछले कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट का हाथ नहीं लगाया। बल्कि इसके बजाय मध्य प्रदेश में हबीबगंज और गुजरात में गांधीनगर को व‌र्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने को तरजीह दी गई। एक-दो साल में दोनो तैयार हो जाएंगे।

नई दिल्ली के अलावा इन स्टेशनों का होगा विकास

इस बीच रेलवे ने हाल में दिल्ली के आनंद विहार और बिजवासन स्टेशनों (ये दोनो भी दिल्ली में हैं) के पुनर्विकास के लिए भी टेंडर निकाल दिए हैं। इनके साथ चंडीगढ़, शिवाजी नगर तथा गांधी नगर (जयपुर) स्टेशनों के पुनर्विकास के टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। जबकि इससे भी पहले नागपुर, ग्वालियर, अमृतसर तथा साबरमती स्टेशनों के कायाकल्प के लिए टेंडर निकाले गए थे।


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