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लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई बढ़ोतरी, जानें महिला आयोग ने क्‍या कहा

राष्ट्रीय महिला आयोग के मुताबिक कोरोना संक्रमण रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 08:38 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 08:38 PM (IST)
लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई बढ़ोतरी, जानें महिला आयोग ने क्‍या कहा
लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई बढ़ोतरी, जानें महिला आयोग ने क्‍या कहा

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग को 23 मार्च से 16 अप्रैल तक ऐसी 587 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 27 फरवरी से 22 मार्च तक आयोग को महिला अपराधों से जुड़ी 396 शिकायतें प्राप्त हुई थीं और इनमें से 123 शिकायतें घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं। लेकिन 23 मार्च से 16 अप्रैल के बीच आयोग को महिला अपराधों से जुड़ी 587 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतें 239 हैं। 

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लांच किया था वाट्सएप नंबर

आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि बढ़ी हुई संख्या का कारण लॉकडाउन को कहा जा सकता है क्योंकि इसकी वजह से पीडि़ता और दु‌र्व्यवहार करने वाला साथ रहने को मजबूर हैं। लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की आपात शिकायत करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने 10 अप्रैल को एक वाट्सएप नंबर (7217735372) लांच किया था। इन शिकायतों का त्वरित निपटारा करने के लिए आयोग ने विशेष दल भी गठित किया है। इस नंबर की शुरुआत के बाद से इस पर घरेलू हिंसा के 40 संदेश प्राप्त हो चुके हैं। आयोग के मुताबिक, इन संदेशों की पहले जांच की जाती है और जो घरेलू हिंसा से जुड़े होते हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। इसके बाद राज्य पुलिस-प्रशासन की मदद से पीडि़त महिला को सुरक्षा प्रदान की जाती है।

'चाइल्डलाइन 1098' ने 21 दिनों में दिया 4.6 लाख कॉल्स का जवाब

बच्चों के लिए सरकारी हेल्पलाइन 'चाइल्डलाइन 1098' ने 21 दिनों में 4.6 लाख कॉल्स का जवाब दिया है। ये कॉल 20 मार्च से 10 अप्रैल के दौरान रिसीव की गईं। चाइल्डलाइन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इनमें से 30 फीसद कॉल उत्तरी क्षेत्र, 29 फीसद पश्चिम क्षेत्र, 21 फीसद दक्षिण क्षेत्र एवं 20 फीसद पूर्वी क्षेत्र से रिसीव की गईं। इस दौरान 'चाइल्डलाइन 1098' के फ्रंटलाइन वर्कर्स ने जमीनी स्तर पर 9,385 मामलों में हस्तक्षेप किया। इनमें से 30 फीसद मामले महामारी के हालात से संबंधित थे। 20 फीसद मामले बच्चों को दु‌र्व्यवहार से बचाने के थे।


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