वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कहा- हम भविष्य के लिए चिंतित
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के नगर निगम और अन्य एजेंसियां बीएस-6 डीजल वाहनों की खरीद पर विचार करें।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रदूषण घटाने के लिए दिल्ली के नगर निगमों और अन्य एजेंसियों को अपने कार्यो के लिए बीएस-6 डीजल वाहनों की खरीद पर विचार करने के निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा, 'हम भविष्य के लिए चिंतित हैं।'जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) की याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त टिप्पणी की।
याचिका में ठोस कचरा प्रबंधन कार्यों के लिए 2,000 सीसी या उससे अधिक क्षमता के कई डीजल वाहनों (बीएस-4) के पंजीकरण की अनुमति मांगी गई है। ईडीएमसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नागरिक निकाय को जिन वाहनों की जरूरत है वे सिर्फ डीजल वेरिएंट (बीएस-4) में ही उपलब्ध हैं क्योंकि इन वाहनों के लिए जिस क्षमता की आवश्यकता है वो सिर्फ डीजल ईंधन से ही पैदा की जा सकती है।
इस पर पीठ ने कहा, 'भविष्य में आगे आपको बीएस-6 वाहन खरीदने होंगे। जब बीएस-6 संचालन में आ जाएंगे तो डीजल वाहनों से प्रदूषण घट जाएगा।' तुषार मेहता ने कहा कि सिर्फ आवश्यक सेवाओं के लिए ही इन वाहनों की जरूरत थी। पीठ ने आवश्यक वाहनों की संख्या का चार्ट और उनका विवरण मांगा और मामले की सुनवाई 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।पीठ ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कनॉट प्लेस और आनंद विहार में लगाए जाने वाले स्मॉग टावरों के मसले पर भी सुनवाई की।
इस दौरान एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी ने बताया कि शीर्ष अदालत ने इसके लिए तीन महीने का समय दिया था, लेकिन इस परियोजना में सहयोग कर रहे आइआइटी का कहना है कि इसमें 10 माह का समय लगेगा। दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने भी कहा कि स्मॉग टावर लगाने के लिए उन्हें इस साल अगस्त-सितंबर तक का समय चाहिए। इसके बाद पीठ ने इस मामले की सुनवाई 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।