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शशि थरूर की प्रताड़ना से तंग आकर सुनंदा पुष्कर ने की थी खुदकशी: एसआइटी

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में एसआइटी ने शशि थरूर को मुख्य संदिग्ध आरोपी माना है। उन्हें कॉलम नंबर 11 में रखा गया है। शशि थरूर ने इस चार्जशीट को अकल्पनीय बताया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 08:53 PM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 10:28 PM (IST)
शशि थरूर की प्रताड़ना से तंग आकर सुनंदा पुष्कर ने की थी खुदकशी: एसआइटी
शशि थरूर की प्रताड़ना से तंग आकर सुनंदा पुष्कर ने की थी खुदकशी: एसआइटी

नई दिल्ली [जेएनएन]। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस की एसआइटी (विशेष जांच दल) ने सवा चार साल बाद सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। एसआइटी ने आत्महत्या के लिए उकसाने व प्रताड़ना की धाराओं के तहत चार्जशीट दायर की है। करीब 3000 पेज की चार्जशीट में एसआइटी ने शशि थरूर को मुख्य संदिग्ध आरोपी माना है। उन्हें कॉलम नंबर 11 में रखा गया है। इस कॉलम में आरोपी को रखने पर बिना गिरफ्तारी के चार्जशीट दायर की जा सकती है।

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सुनंदा की पिटाई की जाती थी 

सुनंदा की मौत मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में केस दर्ज किया गया था, लेकिन जांच में एसआइटी को हत्या के सबूत नहीं मिले। एसआइटी को जो सबूत मिले हैं, उसके अनुसार सुनंदा को काफी प्रताड़ित किया जाता था और उनकी पिटाई की जाती थी। एसआइटी का मानना है कि थरूर की प्रताड़ना से तंग आकर सुनंदा ने खुदकशी की थी। पटियाला हाउस कोर्ट चार्जशीट पर 24 मई को संज्ञान लेगा। उसी दिन कोर्ट शशि थरूर को समन जारी कर सकता है।

पाकिस्तानी पत्रकार से हुई थी बहस 

बता दें कि 17 जनवरी 2014 को चाणक्यपुरी स्थित पांच सितारा होटल लीला पैलेस के सुइट नंबर 345 में संदिग्ध परिस्थितियों में सुनंदा की मौत हो गई थी। इससे एक दिन पहले उनके और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर कथित बहस हुई थी। यह बहस शशि थरूर के साथ मेहर की बढ़ती नजदीकियों को लेकर हुई थी।

मौत जहर से हुई है

29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि उनकी मौत जहर से हुई है। बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं। लिहाजा, बाद में उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।

जहर के बारे में पता नहीं लग सका

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद 1 जनवरी 2015 को सरोजनी नगर थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद पुलिस ने सुनंदा के विसरा को जांच के लिए अमेरिका स्थित एफबीआइ लैब भेज दिया था, लेकिन वहां की लैब में भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका था। सुनंदा की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दोस्त संजय दीवान का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा चुकी है।

थरूर ने चार्जशीट को बताया अकल्पनीय

शशि थरूर ने इस चार्जशीट को अकल्पनीय बताया है। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है। थरूर ने दो ट्वीट कर इस मामले में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने लिखा है, 'जो कोई भी सुनंदा को जानता था, उसे यह बात पता है कि अकेले मेरे उकसाने से वह खुदकशी नहीं कर सकती। सवा चार साल की जांच के बाद दिल्ली पुलिस का ऐसे नतीजों पर पहुंचना उसकी मंशा पर सवाल खड़े करता है।' थरूर ने दावा किया है, 17 अक्टूबर 2017 को दिल्ली हाई कोर्ट में जांच अधिकारी ने बयान दिया था कि इस केस में उन्हें किसी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। अब 6 महीने बाद वह कह रहे हैं कि मैंने खुदकशी के लिए उकसाया है। यह अविश्वसनीय है।

दस्तावेजों को संप्रग सरकार और भ्रष्ट पुलिस ने नष्ट कर दिए थे

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा है, 'इस केस से जुड़े सभी गवाहों और दस्तावेजों को संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार और भ्रष्ट पुलिस ने नष्ट कर दिए थे। वर्तमान साक्ष्य के आधार पर चार्जशीट दाखिल हुई है। ट्रायल के दौरान सभी सूचनाएं सामने खुलकर आएंगी।'  

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