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मानवीय संवेदनाओं को संजीदगी से छूती हैं रेणु हुसैन की कहानियां: नासिरा शर्मा

प्रख्यात लेखिका विचारक और हिंदी अकादमी की पूर्व उपाध्यक्ष मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि मुझे रेणु की कहानियों ने बचपन की यादों में पहुंचा दिया और यही लेखन की सफलता होती है कि आपको पुरानी यादों में पहुंचा दे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 09:33 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 09:33 PM (IST)
कवयित्री और लेखिका रेणु हुसैन की कहानी संग्रह गुंटी का लोकार्पण

नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने कविता और कहानी लेखन में तेजी से अपनी पैठ बना रहीं कवयित्री और लेखिका रेणु हुसैन की पहली कहानी संग्रह 'गुंटी' का लोकार्पण किया और नवोदित साहित्यकार रेणु हुसैन की जबरदस्त हौसलाअफज़ाई की। दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्सी में हुए गुंटी के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रख्यात साहित्यकार नासिरा शर्मा, मैत्रेयी पुष्पा, अनिल शर्मा जोशी, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, सुमन केशरी, डॉ. संदीप अवस्थी, डॉ. लालित्य ललित, आलोक यात्री, कमलेश भारतीय समेत साहित्य जगत की कई नामचीन हस्तियां शामिल हुई।

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'गुंटी' के लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं सुप्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा ने कहा कि कहानी संग्रह गुंटी में रेणु हुसैन द्वारा लिखी गई सभी कहानियां बहुत ही संजीदगी से पाठकों के मन को कुरेदती हैं और मानवीय संवेदनाओं के एक बेहद ही अनूठे पहलू से अवगत कराती हैं। उन्होंने कहा कि रेणु हुसैन ने जिस कोमल मन से कहानियों की रचना की है, उतनी ही कोमलता से सभी कहानियों के पात्र अंतर्मन को छूते हैं। उन्होंने रेणु हुसैन को बधाई देते हुए कहा कि बहुत अच्छी शुरुआत है और रचनाओं में निरंतरता से हिंदी साहित्य को बहुत ही मौलिक और स्वच्छंद रचनाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने कहा कि रेणु के काम में पुख्तगी है और कहानी कहने का तरीका सहज और जीवनद्ष्टि से भरपूर है।

प्रख्यात लेखिका, विचारक और हिंदी अकादमी की पूर्व उपाध्यक्ष मैत्रेयी पुष्पा ने भी लेखिका रेणु हुसैन की कहानी संग्रह में संकलित कहानियों की जमकर तारीफ की लेकिन उन्होंने कहा कि लेखन तभी सफल कहलाएंगी, जब आलोचकों की नजर उन पर पड़नी लगे। उन्होंने कहानीकार रेणु हुसैन से कहा कि लगातार लिखें और लिखते रहें। उन्होंने कहा कि जब आपकी लेखनी की वजह से आप खटकने लगें, दूसरों की आंख का कांटा बनने लगें तो समझिए कि आपकी लेखनी मजबूत हो रही हैं, आप सफल लेखक या लेखिका बन रहे हैं। मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि मुझे रेणु की कहानियों ने बचपन की यादों में पहुंचा दिया और यही लेखन की सफलता होती है कि आपको पुरानी यादों में पहुंचा दे।

सुप्रसिद्ध लेखक, कवि और केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा जोशी ने कहा कि एक कवि के रुप में मैं पहले से रेणु हुसैन को जानता था लेकिन आज एक अच्छी कहानीकार के रुप में भी उनसे परिचय हुआ। उऩ्होंने कहा कि रेणु हुसैन की कहानियों से उनके जीवन की मूलदृष्टि का संकेत मिलता है। उन्होंने कहा कि गुँटी की एक कहानी शैलेष मटियानी की कहानी बकरी की याद दिलाती है और रेणु की कहानी में व्यक्त संवेदनाएँ उसी के टक्कर की है, बेशक व्यक्त करने का तरीका अलग हो सकता है। मुर्गी के चूजे और बरगद की कहानियां व्यापक जीवनदृष्टि को समेटती है।

रेणु हुसैन की कहानी संग्रह गुंटी के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे वरिष्ठ कवि, लेखक, आलोचक और मीडिया विशेषज्ञ लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने भी कवियित्री और कहानीकार रेणु हुसैन की कहानियों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैंने रेणु की कहानियों को एक वरिष्ठ पाठक के तौर पर पढ़ा और इसके बारे में इतना ही कहना चाहूंगा कि जो कहानियां आपकी आंखों में आंसू ला दे, उससे बड़ी संवेदनशील और मार्मिक कहानियां नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि रेणु हुसैन ने जिस तरह मुर्गी के चूजे के हवाले से राजनीतिक परिदृश्य तक पाठकों को पहुंचाने में सफलता हासिल की हैं, मैं उनकी प्रतिभा से प्रभावित हूं।

कहानी संग्रह गुंटी के लोकार्पण कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लेखिका और कवयित्री सुमन केशरी ने गुंटी कहानी का पाठ किया और आधी कहानी सुनाकर ही दर्शकों में उत्सुकता पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि हमने जानबूझकर आधी कहानी सुनाई है, ताकि पूरी कहानी आप खुद से पढ़ें और आप स्वत: पाठ के सुखद अनुभव से रुबरु हों।

कथाकार और आलोचक डॉ. संदीप अवस्थी, व्यंगकार, कवि और संपादक डॉ. लालित्य ललित, कहानीकार आलोक यात्री, वरिष्ठ पत्रकार कमलेश भारतीय समेत कार्यक्रम में तमाम वरिष्ठ साहित्यकारों और प्रबुद्ध दर्शकों ने लेखिका और कवयित्री रेणु हुसैन की पहली कहानी संग्रह गुँटी के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि बहुत जल्द उनसे नई रचनाओं की भी उम्मीद करते हैं।

लेखिका और कवयित्री रेणु हुसैन ने गुंटी की कहानियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सभी कहानियां उनके जीवन के अनुभवों से गढ़ी गई हैं। जो उन्होंने अपने आसपास देखा, उसी को सहज और सरल शब्दों में पाठकों के लिए रखने की कोशिश की है।


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