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Republic Day Parade: राजपथ पर सुनाई देगी गुरबाणी, दिखाई देगा कुल्लू का दशहरा

Republic Day Parade गणतंत्र दिवस परेड में इस बार राजपथ पर गुरबाणी भी सुनाई देगी और अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा भी दिखाई देगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 11:31 PM (IST)
Republic Day Parade: राजपथ पर सुनाई देगी गुरबाणी, दिखाई देगा कुल्लू का दशहरा
Republic Day Parade: राजपथ पर सुनाई देगी गुरबाणी, दिखाई देगा कुल्लू का दशहरा

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Republic Day Parade: गणतंत्र दिवस परेड में इस बार राजपथ पर गुरबाणी भी सुनाई देगी और अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा भी दिखाई देगा। विश्व प्रसिद्ध जयपुर और उत्तर प्रदेश के पर्यटक स्थलों की छटा भी मन को लुभाएगी। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों में वहां की सांस्कृतिक-सामाजिक-धार्मिक विविधता का खासा मिश्रण देखने को मिलेगा।

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550 वें प्रकाश पर्व पर आधारित

पंजाब की झांकी गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर आधारित है। इसके तीन खंड हैं- किरत करो, नाम जपो और वंड छको। इनके जरिये विश्व को संदेश दिया जाएगा कि ईमानदारी से आजीविका चलाएं, ईश्वर के नाम का निरंतर जाप करें और श्रम के फल को आपस में बांटे।

झांकी के साथ चलती सिख संगत गुरबाणी भी गाती रहेगी

इस झांकी के साथ चलती सिख संगत गुरबाणी भी गाती रहेगी। छत्तीसगढ़ की झांकी में वहां के लोक जीवन का कलात्मक सौंदर्य देखने को मिलेगा। जनजातीय शिल्प कला के जरिये आभूषणों, तरह-तरह की प्रतिमाओं और दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं तक को देखा जा सकेगा। झांकी के ठीक सामने नंदी की प्रतिमा, मध्य में पारंपरिक गहनों से सुसज्जित एक युवती और आखिर में धान की कोठी बनाई गई है। झांकी के दोनों ओर लोक नर्तकों का नृत्य देखा जा सकेगा।

यूपी की झांकी में धार्मिक पर्यटन

उत्तर प्रदेश की झांकी में सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को प्रदर्शित किया गया है। इसमें सर्व धर्म सम्भाव भी दर्शाया गया है। झांकी के अग्र भाग में भारतीय संगीत से जुड़े वाद्य यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है, जबकि प्लेटफार्म के नीचे काशी से बहती अविरल गंगा और वहां की संस्कृति का नजारा होगा। झांकी में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, तबला सम्राट पंडित सामता प्रसाद, गायिका गिरिजा देवी की प्रतिकृतियां भी प्रदर्शित होंगी। कथक नृत्य करते कलाकार झांकी को सजीव बनाएंगे।

हिमाचल की झांकी में कुल्‍लू दशहरा महोत्सव

हिमाचल प्रदेश की झांकी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात कुल्लू दशहरा महोत्सव प्रदर्शित किया जाएगा। झांकी के अग्रभाग में स्थानीय देवता के मोहरों से सुसज्जित देवरथ, बीच में जमीन पर रखी एक देव पालकी तथा आखिर में कुल्लू के अधिष्ठाता देव रघुनाथ के रथ को खींचते देवलू दर्शाए गए हैं। झांकी के साथ दोनों ओर कुल्लू के पारंपरिक वाद्ययंत्री देवधुन बजाते नजर आएंगे।

दिखेगी कश्‍मीर की अनूठी परंपरा
जम्मू कश्मीर की झांकी गांव की ओर चलने का संदेश देगी। झांकी के सामने का भाग कश्मीर की अनूठी परंपरा की समृद्धि के प्रतीक शॉल बुनकर की विशाल मूर्तिकला को दर्शाएगा। इसके बाद वहां की संस्कृति का चित्रण करने के लिए पारंपरिक लोक संगीतकारों के साथ विभिन्न कलाकृतियों से जुड़े कारीगरों का प्रदर्शन होगा। पारंपरिक बसोली चित्रकला झांकी का अहम घटक है।

मध्‍यप्रदेश की झांकी में जनजातीय संग्रहालय

मध्य प्रदेश की झांकी भोपाल स्थित जनजातीय संग्रहालय को प्रदर्शित करेगी। इस झांकी में मिट्टी के घरों की दीवारों पर मिटटी के ही रंगों की कलाकृतियां, टेराकोटा से निर्मित खिलौना गाड़ी, काष्ठ शिल्प में निर्मित नर्मदा की उत्पत्ति की कथा देख सकेंगे।

गुलाबी शहर का दिखेगा वैभव

राजस्थान की झांकी में गुलाबी शहर के नाम से पहचाने जाने वाले जयपुर के वैभव को दर्शाया गया है। इस झांकी में सवाई जयसिंह की मूर्ति होगी। वहां की दीवारों को छतरियों, जालियों, महराब आदि से सजाया गया है। पीछे के भाग में सिटी पैलेस स्थित चंद्रमहल का रंगीन डिजाइन युक्त द्वार, झरोखे, खूबसूरत गुंबद आदि को दर्शाया गया है।

 दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ की झांकी निरस्त

दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग ने इस बार राजधानी की धर्मनिरपेक्ष सांस्कृतिक विरासत पर झांकी तैयार करने का प्रस्ताव भेजा था। इसमें दर्शाया जाना था कि दिल्ली में सभी धर्म-संप्रदायों के लोग आपस में मिल जुलकर रहते हैं और यहां सभी धर्मो के अनुयायियों के धार्मिक स्थल भी हैं। विशेषज्ञ समिति ने दिल्ली के इस इकलौते प्रस्ताव को चार राउंड तक विचाराधीन रखा, लेकिन उसके बाद अस्वीकृत कर दिया।

हरियाणा ने भेजे थे पांच प्रस्‍ताव

इसी तरह से हरियाणा सरकार की ओर से राज्य की झांकी के पांच प्रस्ताव भेजे गए थे। मेरी फसल- मेरा ब्योरा, मेरा परिवार-मेरी पहचान, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, अंत्योदय सरल केंद्र एवं महिला सुरक्षा- नारी शक्ति एप। लेकिन विशेषज्ञ समिति ने राज्य सरकार के प्रचार से जुड़े उक्त सभी प्रस्तावों को रद कर दिया। चंडीगढ़ की झांकी का प्रस्ताव जेलों की थीम पर था, वो भी समिति को पसंद नहीं आया।

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