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Weather News: बारिश के वार से मैदान में फसलें खराब तो पहाड़ में भूस्खलन से लोग परेशान, दिल्ली में ठंड बढ़ी

राजधानी दिल्ली से लेकर पहाड़ों तक में लगातार वर्षा के चलते लोगों की परेशानी पढ़ गई है। देश के कई हिस्‍सों में भारी बारिश के चलते फसलें खराब हो गई हैं। बारिश से कहां कहां हुआ नुकसान जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

By JagranEdited By: Krishna Bihari SinghPublished: Sat, 24 Sep 2022 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 11:10 PM (IST)
Weather News: बारिश के वार से मैदान में फसलें खराब तो पहाड़ में भूस्खलन से लोग परेशान, दिल्ली में ठंड बढ़ी
उत्तर भारत में लगातार वर्षा के चलते मौसम बदलने लगा है।

जागरण टीम, नई दिल्ली। उत्तर भारत में लगातार वर्षा के चलते मौसम बदलने लगा है। राजधानी दिल्ली से लेकर पहाड़ों तक में लगातार वर्षा के चलते लोगों की परेशानी पढ़ गई है। उत्तराखंड में भूस्खलन और वर्षा के चलते तीर्थयात्रा को रोकना पड़ा तो उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वर्षा के कारण स्कूलों को बंद करना पड़ा। हिमाचल और जम्मू में भी कई कई जगह पहाड़ दरकने से राजमार्ग बंद हो गए, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में लगातार चौथे दिन भी वर्षा का दौर जारी रहा। दिल्ली में सितंबर में अब तक सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। इससे मौसम में ठंडक बनी हुई है।

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जगह-जगह ट्रैफिक जाम होने से परेशानी

शनिवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से सात डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से एक डिग्री कम है। वर्षा के कारण जगह-जगह ट्रैफिक जाम होने से परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार तक ऐसा ही मौसम बना रह सकता है।

पिछले साल से कम हुई है वर्षा

सितंबर में अब तक 145.9 मिलीमीटर वर्षा हुई है जो सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक है। हालांकि इस माह अभी तक सामान्य से अधिक वर्षा होने के बावजूद पिछले वर्ष की तुलना में वर्षा बहुत कम हुई है। पिछले वर्ष सितंबर में 413.3 मिलीमीटर वर्षा हुई थी। इसकी तुलना में इस साल सितंबर में 64.7 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में फसल हुई खराब

पंजाब-हरियाणा में शनिवार को दिनभर वर्षा हुई। इससे कृषि को खासकर धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। कृषि विज्ञानियों के अनुसार चूंकि धान की फसल पक गई है। ऐसे में कुछ स्थानों पर यह फसल खेतों में बिछ गई है। इसके अलावा भी स्कूल और सरकारी भवनों में पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा के निचले ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।

राजस्थान में भी फसलें खबर

राजस्थान में भी भारी वर्षा के कारण करीब दस जिलों में किसानों की खेत में पड़ी फसल खराब हो गई है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। बारां जिले में भारी बारिश के कारण थाने में दो फीट से ज्यादा पानी भर गया। पुलिसकर्मियों को दस्तावेज बचाने में काफी मुश्किल हुई और मध्यप्रदेश से भी संपर्क कट गया है।

पहाड़ में कहीं गिरे पत्थर, कहीं रास्ते बंद

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार को पहाड़ से पत्थरों के गिरने की वजह से हाईवे दिनभर में दर्जनों बार बंद हुआ। हालांकि मलबा हटाने के बाद कभी आधे घंटे तो कभी 15 मिनट बाद यातायात बहाल किया जाता रहा। देर शाम तक यह सिलसिला जारी रहा। पिछले आठ घंटों में हाईवे करीब 20 बार बंद हो चुका है। हिमाचल में ताजा हिमपात के बाद मनाली-लेह मार्ग बंद कर दिया है। मौसम विभाग ने 24 घंटे के दौरान प्रदेश में भारी वर्षा होने का यलो अलर्ट जारी किया है, जबकि पांच जिलों में बाढ़ को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।

अन्य चोटियों पर हिमपात

शनिवार को भी रोहतांग सहित बारालाचा, शिंकुला व अन्य चोटियों पर हिमपात हुआ। इससे तापमान में गिरावट आई है। गंगोत्री यात्रा दो दिन के लिए रोकी, आदि कैलास यात्री भी फंसे : उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेल्गूगाड़ व सुनगर के बीच लगातार भूस्खलन होने और मौसम विभाग की चेतावनी के चलते जिला प्रशासन ने रविवार व सोमवार के लिए गंगोत्री धाम की यात्रा पर रोक लगा दी है।

पहाड़ी दरकने से मार्ग बंद

वहीं, पिथौरागढ़ में चीन सीमा तक पहुंचने वाले तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख (कैलास मानसरोवर) मार्ग पर पहाड़ी दरकने से मार्ग बंद हो गया। इससे 50 से अधिक आदि कैलास यात्री भी बूंदी में फंस गए हैं। बीआरओ मार्ग खोलने में जुटा है। मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को देहरादून समेत सात पहाड़ी जिलों में भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है।

इसलिए हुई सितंबर के अंत में इतनी बरसात

सितंबर के अंत में इतनी अधिक बरसात होने की मुख्य वजह एक साथ कई वेदर सिस्टम विकसित होना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है तो मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली-हरियाणा से होते हुए पंजाब की ओर बढ़ रही है। इसके अलावा उत्तर भारत में एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है।

धीरे धीरे कम होने लगेगा असर

स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि अब धीरे धीरे इसका असर कम होना शुरू हो जाएगा। रविवार को बरसात अपेक्षाकृत थोड़ी कम होगी। सोमवार को और भी कम हो जाएगी। इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा तथा दिन के तापमान में भी थोड़ी वृद्धि होगी।

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