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Nizamuddin Markaj Update: सरकार की बड़ी कार्रवाई, आयोजकों पर FIR; मरकज में शामिल विदेशियों का वीजा रद

दिल्ली पुलिस ने तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना साद और प्रबंधन से जुड़े लोगों के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम की विभिन्न धाराओं और आपराधिक साजिश रचने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 06:54 AM (IST)
Nizamuddin Markaj Update: सरकार की बड़ी कार्रवाई, आयोजकों पर FIR; मरकज में शामिल विदेशियों का वीजा रद
Nizamuddin Markaj Update: सरकार की बड़ी कार्रवाई, आयोजकों पर FIR; मरकज में शामिल विदेशियों का वीजा रद

 जेएनएन, नई दिल्ली। देश में कोरोना से जंग में बड़े संकट के रूप में उभरे तब्लीगी जमात के खिलाफ सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। जमात में शामिल विदेशी सदस्यों को तलाश कर उन्हें तुरंत वापस भेजने का आदेश दिया गया है। साथ ही उसके किसी भी सदस्य को टूरिस्ट वीजा नहीं जारी करने का फैसला किया गया है। यह निर्णय दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल लोगों के बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने और छह लोगों की मौत के बाद किया गया है। जमात में शामिल होने एक जनवरी से अब तक 2100 विदेशी सदस्य भारत आए और देश के विभिन्न हिस्सों में तब्लीगी गतिविधियों को अंजाम दिया।

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गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा है कि वो तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों को तत्काल ढूंढकर उन्हें क्वारंटाइन कराएं। जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आती है उन्हें पहली फ्लाइट से वापस उनके देश भेजें। केंद्र के निर्देश के बाद राज्यों में तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों की तलाश तेज हो गई है।

गृह मंत्रालय ने तब्लीगी जमात में शामिल होने आने वाले विदेशियों को अब टूरिस्ट वीजा नहीं जारी करने का फैसला भी किया है। मरकज में शामिल होने आए विदेशियों, जिसमें ज्यादातर धर्म उपदेशक हैं, उनके खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन का केस भी चल सकता है। ये सभी टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे। जबकि धर्म का प्रचार करना वीजा नियमों का उल्लंघन है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक तब्लीगी जमात में शामिल होने के लिए 70 देशों के सदस्य आए थे। इनमें बांग्लादेश के 493, इंडोनेशिया के 472, मलेशिया के 150 और थाइलैंड के 142 सदस्य शामिल हैं। भारत में इन्हें छह महीने तक रहना था।

उपचार और सुरक्षा उपायों को किया अनदेखा

दिल्ली पुलिस ने तब्लीगी मरकज प्रमुख मौलाना साद और प्रबंधन से जुड़े लोगों के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम की विभिन्न धाराओं और आपराधिक साजिश रचने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि इन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम, उपचार और सुरक्षा उपायों की पूरी तरह से अनदेखी की। जबकि दिल्ली में जनता कफ्र्यू से पहले ही पांच से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने की मनाही थी।

डीएमसी ने भी शुरू की जांच

दिल्ली नगर निगम ने भी मरकज की जांच शुरू कर दी है। इसमें इमारत को अनधिकृत रूप से बनाए जाने की बात सामने आई है। इसके बाद इमारत को सील किया जा सकता है।

लॉकडाउन के बाद भी जुटे लोग

तब्लीगी मरकज में पूरे साल आते रहते हैं। 12 से 15 मार्च के बीच यहां हुए कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सैकड़ों लोग देश के विभिन्न राज्यों में वापस चले गए। इसके बाद भी आने वालों का सिलसिला चलता रहा। इसी बीच 22 मार्च को हुए लॉकडाउन के बाद भी यहां सैकड़ों लोग जुटे हुए थे। इनमें सैकड़ों विदेशी भी शामिल थे। रविवार और सोमवार को यहां रुके 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जमात में शामिल तेलंगाना के रहने वाले 6 लोगों की सोमवार को कोरोना से मौत भी हो गई थी।

प्रबंधन ने कहा, लॉकडाउन से फंस गई थी जमात

तब्लीगी मरकज के प्रबंधन ने दावा किया कि लॉकडाउन की वजह से ये लोग मरकज में फंस गए थे, जिन्हें निकाले जाने को लेकर पुलिस-प्रशासन से मदद मांगी गई थी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

यह है मरकज और तब्लीगी जमात

तब्लीगी जमात सुन्नी मुसलमानों का एक ऐसा संगठन है जो चाहता है कि दुनिया भर के मुसलमान वैसे ही रहें जैसे कि वे पैगंबर साहब के समय में रहते थे। यानी उनका खानपान, वेशभूषा और रीति-रिवाज सब कुछ उसी समय का हो। माना जाता है कि इस जमात के दुनिया भर में करीब 20 करोड़ सदस्य हैं। 1927 में स्थापित इस संगठन का मजबूत गढ़ दक्षिण एशिया है, लेकिन करीब सौ से ज्यादा देशों में इसकी पहुंच बताई जाती है। इसकी स्थापना भारत में हरियाणा के मेवात में मुहम्मद इल्यास अल कंधालवी ने की थी। तब्लीगी जमात के छह सिद्धांत हैं। कलमा, सलाह, इल्म ओ जिक्र, इकराम ओ मुस्लिम, इखलास ए नीयत और दावत ओ तब्लीगी। इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है। इससे देश से लेकर विदेश तक लोग जुड़े हुए हैं। जमात के मुताबिक वह किसी राजनीतिक विचारधारा का समर्थन नहीं करती क्योंकि उसका उद्देश्य धार्मिक है।

तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोग

राज्य शामिल हुए लोग

अंडमान 21

असम 216

बिहार 146

हरियाणा 130

हिमाचल 17

हैदराबाद 55

कर्नाटक 45

केरल 15

महाराष्ट्र 109

मेघालय 05

मध्य प्रदेश 107

ओडिशा 15

पंजाब 09

राजस्थान 22

झारखंड 34

तमिलनाडु 501

उत्तराखंड 34

उत्तर प्रदेश 157

बंगाल 73

उप्र में 95 फीसद लोग चिन्हित

तब्लीगी जमात में शामिल 95 फीसद लोग चिन्हित कर लिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि दिल्ली की तब्लीगी जमात में शामिल लोगों में सिर्फ 10-12 लोग बचे हैं, जिनकी तलाश के लिए सभी जिलाधिकारी और सीएमओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

बिहार आए इंडोनेशियाई की हुई थी मौत

तब्लीगी मरकज में शामिल होने के बाद बिहार आए एक इंडोनेशियाई नागरिक की बिहार के अररिया में 26 मार्च को मौत हो गई थी। वह अपने जत्थे के साथ अररिया लौटा था। यद्यपि, अररिया के डीएम इसे स्वाभाविक मौत बता रहे हैं। अभी तक 146 लोगों की सूची तैयार की गई है जो तब्लीगी मरकज में शामिल हुए थे।

हिमाचल-पंजाब के लोग क्वारंटाइन

तब्लीगी मरकज में शामिल पंजाब के सभी नौ लोगों की पहचान कर उन्हें दिल्ली में ही क्वारंटाइन कर दिया गया है। वहीं हिमाचल के 17 लोगों को भी दिल्ली में ही क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। वहीं मरकज में राजस्थान के 22 लोग शामिल थे। ये लोग 18 मार्च को दिल्ली से आ गए थे। स्क्रीनिंग में किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले।

विज ने कहा, चलते-फिरते एटम बम

मरकज में करीब 130 लोग हरियाणा के अलग-अलग जिलों में पहुंचे हैं। हरियाणा सरकार ने इन सभी को ढूंढने तथा उन्हें हिरासत में लेकर उनके कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्री अनिल विज ने इन लोगों को चलते-फिरते एटम बम की संज्ञा दी है।

संक्रमण की जमात

-आयोजकों पर एफआइआर, शामिल लोगों की तलाश तेज

- जमात के किसी भी विदेशी सदस्य को अब टूरिस्ट वीजा नहीं

-कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम, उपचार और सुरक्षा उपायों को किया अनदेखा

नंबर गेम

1548 लोग तब्लीगी मरकज से निकले।

441 में कोरोना के लक्षण पाए गए।

1107 को भेजा गया क्वारंटाइन सेंटर।

24 के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि।

2100-विदेशी तब्लीगी कार्यकर्ता देश में आए थे।

1830 लोग सिर्फ मार्च में आए मरकज में शामिल


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