Move to Jagran APP

Nirbhaya Case: दोषियों को अलग-अलग फांसी देने से हाई कोर्ट का इनकार, फैसले के खिलाफ केंद्र पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

निर्भया मामले में हाई कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पेश की है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 04:57 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 10:17 PM (IST)
Nirbhaya Case: दोषियों को अलग-अलग फांसी देने से हाई कोर्ट का इनकार, फैसले के खिलाफ केंद्र पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। निर्भया मामले में हाई कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पेश की है। निर्भया मामले में केंद्र सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जाने कारण यह है कि दिल्ली की हाई कोर्ट ने चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने से मना कर दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी पर ही फैसला सुनाते हुए कहा कि एक क्राइम में सभी दोषियों को अलग-अलग सजा नहीं दी जा सकती है यानी की फांसी एकसाथ ही होगी। निर्भया के गुनहगारों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती है। इसी मामले में हाई कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष सुनवाई के लिए एक एसएलपी दायर की है।

loksabha election banner

क्या है केंद्र सरकार का कहना 

बता दें कि निर्भया के गुनहगारों ने कानून का फायदा उठाते हुए कई बार अपनी डेथ वारंट को कैंसिल करा लिया है। कानून के मुताबिक, उसे सजा मिलने में लेट हो रही है जिससे लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है।  इसके बाद हरकत में आते ही केंद्र सरकार इस मामले को हाई कोर्ट ले गई। कोर्ट में केंद्र ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिन दोषियों की याचिका कही भी लंबित नहीं है उसे फांसी दे देनी चाहिए। अभी तक ऐसा हो रहा है कि अगर एक दोषी की याचिका लंबित होती है तो दूसरे दोषी भी सजा से बच जाते हैं।

क्या है दिल्ली हाई कोर्ट का कहना

बुधवार को जब केंद्र सरकार हाई कोर्ट पहुंची तब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि चारों दोषियों के खिलाफ अलग-अलग वारंट जारी किया जा सकता है। इधर हाई कोर्ट ने चारों दोषियों को एक हफ्ते का समय दिया है कि वे अपने कानूनी उपाय को इस्तेमाल कर सकें। कोर्ट ने यह भी बता कि कैदी कानून के मुताबिक, अगर किसी की दया याचिका लंबित है तो उसे फांसी तब तक नहीं दी जा सकती है जब तक दया याचिका मामले में कोई फैसला नहीं आ जाए। इसी फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अवकाश याचिका) दायर सुनवाई की मांग की है।

दिल्ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.