ये भारतीय संभाल सकता है व्हाट्सएप की कमान, गूगल-Paytm में भी कर चुके हैं काम
वाट्सएप के सीइओ की दौड़ में सबसे आगे देखे जा रहे नीरज अरोड़ा अपनी रुचि और ललक से सफलता की सीढ़ियां चढ़े।
नई दिल्ली (जेएनएन)। गूगल, एडोब और माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब व्हाट्सएप की भी कमान किसी भारतीय के हाथों में आ सकती है। व्हाट्सएप के सीइओ जेन कुम के इस्तीफे के बाद अगले सीइओ को लेकर कयासों का बाजार गर्म है और सबसे पहले जिसका नाम सामने आ रहा है वो हैं व्हॉट्सएप एग्जीक्यूटिव नीरज अरोड़ा। टेक क्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीइओ के पद के लिए बिजनेस एग्जीक्यूटिव नीरज अरोड़ा संभावित कैंडिडेट हो सकते हैं। नीरज अरोड़ा ने 2011 में गूगल के बाद व्हाट्सएप ज्वाइन किया था और पिछले 7 सालों से व्हाट्सएप के लिए ही काम कर रहे हैं।
दुनियाभर के बड़े सीइओ की लिस्ट में होंगे शुमार
अगर नीरज अरोड़ा व्हाट्सएप के सीइओ के पद पर बैठते हैं तो वे दुनिया की उन बड़ी टेक कंपनियों की सीइओ की सूची में शामिल हो जाएंगे, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट के सीइओ सत्या नडेला और गूगल के सीइओ सुंदर पिचाई पहले ही अपने पांव जमा चुके हैं। वहीं, एडोब में शांतनु नारायाण भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
कौन हैं नीरज अरोड़ा?
- साल 2000 में IIT दिल्ली से पढ़ाई की
- साल 2006 में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से MBA किया
- करियर की शुरुआत साल 2000 में एक क्लाउड सॉल्यूशंस कंपनी Accellion के साथ की
- वे गूगल में साल 2007 से लेकर 2011 तक काम कर चुके हैं
- गूगल में उन्हें कॉरपोरेट डेवलपमेंट मैनेजर से प्रिंसिपल कॉरपोरेट मैनेजर बना दिया गया था
- नीरज इससे पहले पेटीएम के बोर्ड मेंमबर भी रह चुके हैं
- नीरज अरोड़ा 7 साल से व्हाट्सएप के साथ जुड़े हुए हैं
शिक्षण संस्थानों के लिए कुछ करना चाहिए: नीरज
वाट्सएप के सीईओ की दौड़ में सबसे आगे देखे जा रहे नीरज अरोड़ा ने 2000 में आइआइटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उनका मानना है कि जो शिक्षण संस्थान मुकाम पर पहुंचाता है, उसके लिए भी हमें कुछ करना चाहिए। हाल ही में उन्होंने फैकल्टी रिसर्च अवॉर्ड के लिए अपनी मां (बीना अरोड़ा) के नाम पर 40 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी है। आइआइटी दिल्ली के एलुमिनी अफेयर्स के डीन प्रोफेसर संजीव सांगी ने बताया कि नीरज पढ़ाई में बहुत होशियार रहे हैं। हर विषय को अच्छे से पढ़ना और उसे समझने की रुचि उनके अंदर थी। इसी रुचि और ललक से वह सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए। उनमें अव्वल रहने का जुनून है। प्रोफेसर सांगी ने बताया कि राजीव ने स्कॉलरिशप देने के लिए खुद ही फोन किया था। फैकल्टी रिसर्च अवॉर्ड के तहत कॉलेज में एक शिक्षक को बेहतर रिसर्च करने के लिए सालाना दो लाख रुपये दिए जाएंगे। इससे शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलेगा। आइआइटी राजीव के बेहतर भविष्य की कामना करता है।
जेन कूम फेसबुक पर दिया था इस्तीफा
30 अप्रैल को जेन कूम ने फेसबुक पर अपना इस्तीफा दिया था। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि वे व्हाट्सएप सीइओ के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने लिखा, ''मैं ऐसे वक्त पर व्हाट्सएप का साथ छोड़ रहा हूं जहां व्हाट्सएप के इस्तेमाल करने वालों की तादाद दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। टीम काफी मजबूत और आगे भी ऐसे ही बेहतरीन काम करती रहेगी। मैं कुछ समय के लिए लिए ब्रेक लेना चाहता हूं जिससे टेकनॉलजी की बाहरी दुनिया का लुत्फ उठा सकूं।'