Move to Jagran APP

Muzaffarpur Shelter Home Case: तिहाड़ में ब्रजेश की उड़ गई नींद, जेल का खाना भी नहीं आ रहा पसंद

ब्रजेश के लिए यह तय नहीं किया गया है कि जेल में उससे क्या काम लिया जाएगा इसलिए अभी काम का दबाव नहीं है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:06 PM (IST)
Muzaffarpur Shelter Home Case: तिहाड़ में ब्रजेश की उड़ गई नींद, जेल का खाना भी नहीं आ रहा पसंद
Muzaffarpur Shelter Home Case: तिहाड़ में ब्रजेश की उड़ गई नींद, जेल का खाना भी नहीं आ रहा पसंद

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर को न तो ठीक से नींद आ रही है और न ही उसे जेल का खाना पसंद है। तिहाड़ जेल संख्या-तीन में ब्रजेश को जिस वार्ड में रखा गया है, उससे चंद मीटर की दूरी पर हाई सिक्योरिटी वार्ड व फांसी घर है, जहां निर्भया के दोषियों को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

loksabha election banner

ब्रजेश के साथ दो अन्य कैदियों को भी रखा गया है। ब्रजेश के लिए यह तय नहीं किया गया है कि जेल में उससे क्या काम लिया जाएगा, इसलिए अभी काम का दबाव नहीं है। जेल प्रशासन आगामी एक हफ्ते में इस बाबत फैसला ले सकता है। दरअसल, अभी जेल संख्या-तीन के अधिकारियों का ध्यान निर्भया के दोषियों पर है। जेल अधिकारियों को अभी हर दिन किसी न किसी सुनवाई के लिए कोर्ट जाना पड़ता है, इसलिए इस बारे में फैसला नहीं लिया गया है।

काम के कई विकल्प

जेल संख्या-तीन में कैदियों के पास कार्य के कई विकल्प हैं। यहां इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय का केंद्र, पुस्तकालय और गोशाला भी है। यहां की रसोई भी काफी बड़ी है। जेल परिसर में योग स्टूडियो, अस्पताल, पार्क की देखरेख सहित कई जगहों पर कार्य करने के विकल्प हैं। जेल प्रशासन को जहां उपयुक्त लगेगा, वहां ब्रजेश ठाकुर से कार्य लिया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.