Muzaffarpur Shelter Home Case: तिहाड़ में ब्रजेश की उड़ गई नींद, जेल का खाना भी नहीं आ रहा पसंद
ब्रजेश के लिए यह तय नहीं किया गया है कि जेल में उससे क्या काम लिया जाएगा इसलिए अभी काम का दबाव नहीं है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर को न तो ठीक से नींद आ रही है और न ही उसे जेल का खाना पसंद है। तिहाड़ जेल संख्या-तीन में ब्रजेश को जिस वार्ड में रखा गया है, उससे चंद मीटर की दूरी पर हाई सिक्योरिटी वार्ड व फांसी घर है, जहां निर्भया के दोषियों को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
ब्रजेश के साथ दो अन्य कैदियों को भी रखा गया है। ब्रजेश के लिए यह तय नहीं किया गया है कि जेल में उससे क्या काम लिया जाएगा, इसलिए अभी काम का दबाव नहीं है। जेल प्रशासन आगामी एक हफ्ते में इस बाबत फैसला ले सकता है। दरअसल, अभी जेल संख्या-तीन के अधिकारियों का ध्यान निर्भया के दोषियों पर है। जेल अधिकारियों को अभी हर दिन किसी न किसी सुनवाई के लिए कोर्ट जाना पड़ता है, इसलिए इस बारे में फैसला नहीं लिया गया है।
काम के कई विकल्प
जेल संख्या-तीन में कैदियों के पास कार्य के कई विकल्प हैं। यहां इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय का केंद्र, पुस्तकालय और गोशाला भी है। यहां की रसोई भी काफी बड़ी है। जेल परिसर में योग स्टूडियो, अस्पताल, पार्क की देखरेख सहित कई जगहों पर कार्य करने के विकल्प हैं। जेल प्रशासन को जहां उपयुक्त लगेगा, वहां ब्रजेश ठाकुर से कार्य लिया जा सकता है।