जेएनयू के वाइस चांसलर पर छात्रों का हमला, कार का शीशा टूटा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के वाइस-चांसलर एम जगदीश कुमार की कार पर विश्वविद्यालय परिसर के अंदर हमला हुआ है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति प्रो. एम. जगदीश कुमार पर शनिवार को छात्रों ने हमला कर दिया। हमलावरों की संख्या 10 से 15 बताई जा रही है। जेएनयू टीचर फेडरेशन (जेएनयूटीएफ) ने प्रशासनिक जांच और आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की है, लेकिन जेएनयू छात्र संघ ने इससे इन्कार किया है।
10 से 15 छात्रों ने घेरकर गिराने की कोशिश की
कुलपति ने कहा है कि शनिवार को वह जेएनयू के स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स में कुछ काम के सिलसिले में गए थे। वहां 10 से 15 छात्रों ने उन्हें घेरकर गिराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि छात्र उन पर हमला करना चाहते थे, लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी ने किसी तरह उनको बचाया। इस दौरान उनकी कार का शीशा तोड़ दिया गया।
कुलपति की कार के शीशे भी तोड़े
जेएनयूटीएफ से जुड़े शिक्षकों ने कहा है कि कुलपति के साथ छात्रों द्वारा किए गए हमले की हम निंदा करते हैं। कुलपति की कार के शीशे भी छात्रों ने ही तोड़े हैं। उनके कार्यालय के गेट को भी तोड़ा गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को कुलपति, रजिस्ट्रार को सुरक्षा देने के लिए निर्देश दिए हैं। पुलिस इन्हें सुरक्षा मुहैया कराए। वहीं छात्र संघ ने आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि कुलपति स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स में पहुंचे थे। कुछ छात्रों ने उनसे छात्रावास के मुद्दे पर सवाल किया तो वह बिना जवाब दिए ही वहां से चल दिए। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि चुनाव के जरिये चुने गए छात्र संघ के प्रतिनिधियों से छात्रावास के मुद्दे पर कुलपति बात करें।
एक महीने से ज्यादा समय से छात्रों का प्रदर्शन
ज्ञात हो कि हॉस्टल फीस के मुद्दे पर जेएनयू के छात्र एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक पैनल का भी गठन किया। उधर, गुरुवार को प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा प्रशासनिक ब्लॉक पर कब्जे के बाद पहली बार अपने कार्यालय आए कुलपति ने 18 छात्रावासों के अध्यक्षों के साथ बैठक की, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस को निर्देश दिया था कि कुलपति, रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारियों के प्रशासनिक ब्लॉक में आने पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।