दिल्ली की अवैध कॉलोनियां होंगी नियमित, संसद में बिल पास, लाखों लोगों को होगा फायदा
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दिल्ली की इन कॉलोनियों को नियमित करने में घोर लापरवाही बरती। जनता के बीच यह धारणा है कि कुछ राजनीतिक दलों के सत्ता में रहते हुए कॉलोनियों को नियमित करने में विलंब किया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद ने मंजूरी प्रदान कर दी। इसके माध्यम से संबंधित कानून की समय सीमा को 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाया गया है। राज्यसभा ने इस विधेयक को पहले मंजूरी प्रदान कर दी थी और बुधवार को लोकसभा में यह पारित हो गया। केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के बीच निचले सदन में चर्चा के बाद राष्ट्रीय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कानून (विशेष प्रविधान) दूसरा (संशोधन) अधिनियम-2021 विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।
पुरी ने कहा, पूर्व की सरकारों ने कॉलोनियों को नियमित करने में घोर लापरवाही बरती
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दिल्ली की इन कॉलोनियों को नियमित करने में घोर लापरवाही बरती। पुरी ने कहा कि जनता के बीच यह धारणा है कि कुछ राजनीतिक दलों के सत्ता में रहते हुए कॉलोनियों को नियमित करने में विलंब किया गया। उन्होंने किसी दल का नाम लिए बगैर कहा कि इससे पहले किसी सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। पुरी ने बताया कि अगर कोरोना महामारी नहीं आती तो अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का काम काफी हद तक पूरा हो गया होता। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। वर्ष 2011 का संबंधित कानून पिछले साल 31 दिसंबर तक वैध था।
दिल्ली सरकार ने कोई काम नहीं किया : मीनाक्षी लेखी
इससे पहले, विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वह 2047 तक दिल्ली को सिंगापुर बनाना चाहते हैं। ये लोग चुनावों से पहले इसी तरह की बातें करते हैं। लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया जिस कारण ये कानून लाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए दिल्ली सरकार ने कोई काम नहीं किया।